बिहार ब्रेकिंग-रंजन कुमार/सुभाष कुमार/राकेश कुमार यादव-शेखपुरा/बेगूसराय
संसद से पारित कृषि बिल के खिलाफ शुक्रवार को शेखपुरा में विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी के बीच राजद ने अलग प्रदर्शन करके अपनी ताकत दिखाई। इससे अलग वाम मोर्चा ने शहर में कृषि बिल की शव यात्रा निकाली। कलेक्ट्रेट पर यह विरोध प्रदर्शन आधा घंटे के अंतराल पर दोनों पार्टियों ने अलग-अलग किया। पहले राजद के कार्यक्रम में प्रदेश महासचिव विजय सम्राट, जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष विजय यादव, रामनरेश यादव, शंभू यादव, सनोज रजक सहित बड़ी संख्या में पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता शामिल हुए।
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के बाद शिष्टमंडल ने डीएम से मिलकर ज्ञापन दिया। इसमें संसद से पारित कृषि बिल को वापस लेने की मांग की। राजद के प्रदर्शन के बाद वाम दलों में संयुक्त रूप से कृषि बिल का शव यात्रा निकाला। इसमें सीपीआई, माले तथा सीपीएम से जुड़े नेता शामिल हुए। स्टेशन रोड से निकाली गई शव यात्रा को कलेक्ट्रेट के गेट पर आकर उसे जलाया गया। इसमें सीपीआई के जिला सचिव प्रभात पांडे, माले के सचिव विजय कुमार तथा सीपीएम के सचिव बीरबल शर्मा भी शामिल हुए। इसमें एटक के जिला महासचिव अमित शर्मा भी शामिल हुए। कार्यक्रम में कृष्णनंदन यादव, कमलेश कुमार मानव, कमलेश प्रसाद, विश्वनाथ प्रसाद, रामकृपाल सिंह, चंद्रभूषण प्रसाद, आनंदी सिंह, नीतीश कुमार भी शामिल हुए।
बेगूसराय में सड़क जाम
संसद में पारित तीन कृषि बिल के खिलाफ आज देशव्यापी सड़क, जाम, विरोध-प्रदर्शन के तहत बखरी अम्बेडकर चौक पर भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी, शोषित-समाज दल के कार्यकर्ता सड़क जाम कर सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी किया। कार्यक्रम का नेतृत्व भाकपा बेगूसराय जिला सचिव मण्डल सदस्य सूर्यकान्त पासवान, बखरी पार्टी के प्रभारी संजीव कुमार सिंह, अंचलमंत्री शिव सहनी, बखरी जनपहल संस्था के संयोजक विकास वर्मा, भाकपा कर्यवाहक अंचल मंत्री बखरी सुरेश सहनी, सहायक अंचल मंत्री जितेंद्र जीतू, जयलख अभिमान के सरपंच रामसेवक महतों, सलौना के पूर्व सरपंच बलराम स्वर्णकार, त्रिवेणी महतों, रणारणवीर सिंह, संजय महतों, शोषित समाज दल के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र महतों, प्रखण्ड संयोजक रामचरन महतों, दीपक रजक आदि कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पारित तीनों विधेयक कृषि सिस्टम को पूंजीपतियों के हवाले करने के नियत से बनाया गया है। लगातार मोदी सरकार अपने कॉरपोरेट दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिये पहले तो धीरे-धीरे सार्वजनिक संस्थाओं को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। अब खेती को भी भी कॉरपोरेटों के गोद मे सौंप रही है, लेकिन आज पूरे देश मे जबरदस्त आंदोलन खड़ा हुआ है। यह कला कानून मोदी सरकार की कब्र खोदने का काम करेगी। कार्यक्रम समाप्ति पर भाकपा नेता अम्बेडकर जी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
किसानों के लिए दमनकारी है कृषि नीति
देश में नमी कृषि नीति लागू किए जाने को लेकर वाम दल सरकार के खिलाफ बौखलाया हुआ है। शुक्रवार को स्थानीय सीपीआई कार्यकर्ताओं नें केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मोहनियां ढ़ाला के समीप एनएच 28 को घंटों जाम रखा। सीपीआई कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पार्टी के अंचल मंत्री भुषण सिंह कर रहे थे। इस दौरान अंचल मंत्री सिंह नें बताया कि बिहार के किसान एक तो बाढ़ व दुसरा सुखार की दोहरी प्राकृतिक मार झेलते आ रहे हैं। उपर से कोराना काल व लाॅकडाउन नें तो किसान हीं नहीं हरेक वर्ग के लोगों की कमर हीं तोड़ कर रख दिया। ऐसी विषम परिस्थितियों में सरकार अन्नदाता किसानों के लिए कोई कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के बजाय किसानों के लिए दमनकारी नीतियों को लागू कर अन्नदाताओं का शोषण कर रही है। जब तक सरकार इस किसानों के दमनकारी नीतियों को वापस नहीं लेगी तब वाम दलों का संघर्ष तो जारी रहेगा हीं, ऐसी दमनकारी सरकार को वर्तमान बिहार विधानसभा चुनाव में भी करारा जवाब देगी। मौके पर सहायक अंचल मंत्री प्यारे दास, हरेराम महतो, अनिल कुमार राय, रंधीर ईश्वर, रामनरेश चौधरी, मुखिया राजेश शर्मा, पुर्व मुखिया रामविलास यादव, महिला नेता सरिता राय, सत्यम कुमार, सत्यम भारद्वाज, आयुष राज आदि नें केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्याप्त किया।