बिहार में कोरोना का कहर अब सर चढ़ कर बोलने लगा है। कोरोना अब पटना समाहरणालय, सचिवालय समेत बिहार भाजपा कार्यालय एवं कई अन्य नेताओं और मंत्रियों तक पहुंच चुकी है। कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देख प्रशासन और सरकार की हालत पस्त है। कोरोना के रफ्तार को देखते हुए सरकार ने बिहार में एक बार फिर से 16 दिनों के पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा की है। यह लॉक डाउन 16 जुलाई से 31 जुलाई तक रहेगा। इस लॉक डाउन के दौरान बिहार में जनजीवन पर एकदम से पाबंदी लग जायेगी, वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना के रफ्तार पर भी लगाम लगेगा।
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बिहार सरकार के द्वारा लॉक डाउन के लिए जारी गाइडलाइन में आपातकालीन सेवाओं यथा पुलिस, चिकित्सा, राशन, बैंकिंग, पेट्रोल पंप, सूचना प्रौद्योगिकी, विद्युत, खाद्य, जल संसाधन, कृषि, मवेशी, कोल्ड स्टोरेज को खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, आवश्यक सेवाओं हेतु निजी एवं सरकारी वाहनों, माल ढुलाई, कंस्ट्रक्शन आदि को भी आवश्यक दिशानिर्देशों के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। मंदिर, स्कूल-कॉलेज, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। स्कूल कॉलेज ऑनलाइन क्लास चला सकते हैं।
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लॉक डाउन के दौरान सभी तरह के ट्रांसपोर्टेशन सेवाओं को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है लेकिन उड्डयन एवं रेलवे मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार रेलवे एवं हवाई सेवा जारी रहेंगी। वहीं टैक्सी और ऑटो रिक्शा भी बिहार में चल सकेंगी। लेकिन निजी वाहनों का प्रयोग केवल आवश्यक सेवाओं के लिये ही की जा सकेंगी। जबकि ऑफिस आईकार्ड के साथ सरकारी या निजी वाहनों का प्रयोग आवश्यक सेवार्थ घर से कार्यस्थल तक के लिये की जा सकेंगी।