बिहार में विधानसभा चुनाव की बिगुल बज चुकी है और राजद को एक बार फिर से झटका लग गया है। पिछले तीस वर्षों से राजद से जुड़े रहने वाले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और दो बार विधायक रहने वाले विजेंद्र कुमार यादव ने शनिवार को पार्टी से नाता तोड़ लिया। विजेंद्र यादव भोजपुर के संदेश से दो बार विधायक रहे थे। हालांकि उन्होंने अभी किसी अन्य पार्टी में जाने का संकेत नहीं दिया है लेकिन उनके जदयू जॉइन करने के कयास लगाए जा रहे हैं। उन्होंने पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर जाने का फैसला किया है।
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2015 में विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार पार्टी के साइड लाइन में रहने वाले विजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि ‘मैं पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष होने के बावजूद लगातार उपेक्षित हो रहा था और मेरी धैर्य की सीमा समाप्त हो गई। मैं लगभग 30 साल तक लालू प्रसाद के साथ रहा और पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी उस का बखूबी निर्वहन किया। लेकिन अब उपेक्षा के कारण मैं पार्टी छोड़ रहा हूं।’ उन्होंने कहा कि ‘अब राजद लालूजी वाली पार्टी नहीं रही, जहां कार्यकर्ताओं को तवज्जो और टिकट मिलता था। अब केवल बाहरी लोगों को टिकट दिया जा रहा है। यादव ने कहा कि मैंने पूरी कोशिश की थी कि मरते दम तक पार्टी के साथ रहूंगा, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका।’
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विजेंद्र यादव के इस्तीफे से राजद को भोजपुर में बड़ा झटका लगा है क्योंकि इससे पहले भी पार्टी के 2 एमएलसी राधाचरण साह और रणविजय सिंह जनता दल यूनाइटेड में जा चुके हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि विजेंद्र यादव भी जेडीयू ज्वॉइन करेंगे। लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि शेष है। विजेंद्र यादव के छोटे भाई अरुण यादव फिलहाल संदेश से राजद के विधायक हैं।