बिहार डेस्कः बिहार में 2019 को लेकर अगर राजनीतिक तापमान गर्म हैं तो उस गर्माहट की बड़ी वजह केन्द्रीय मंत्री सह रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा भी हैं। उपेन्द्र कुशवाहा लगातार सुर्खियों में है क्योंकि उनसे जुड़े कयास ज्यादा सामने आ रहे हैं। उपेन्द्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के कयास अक्सर सामने आ जाते हैं। अपने बयानों से कई बार वे बिहार की राजनीति को गरमा देते हैं और कई बार जब उन्हें विपक्षी खेमे से निमंत्रण मिलने लगता है तो कयासों को मजबूती मिल जाती है और राजनीति गरमा जाती है। आज एक बार फिर अपने एक बयान से उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है। उपेन्द्र कुशवाहा ने आज पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एनडीए में हीं कुछ लोग ऐसे हैं जो नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते।एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुआ है। अफवाह फैलाई जा रही है। सुशील मोदी और राम विलास पासवान के हवाले से भी खबर आई है कि उन्हें सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह की चर्चा से इंकार किया है।उनसे जब पूछा गया कि ऐसे कौन से लोग हैं जो नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि इसपर विस्तार से बात करना घर की बात को बाहर ले जाना होगा। जब एनडीए के नेताओं के बीच चर्चा होगी तो हम इस संबंध में अपनी बात रखेंगे। नीतीश कुमार के एनडीए में आने से गठबंधन को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी वंचितों, दलितों की आवाज उठाती रही है। सत्ता मे रहते हुए भी और सत्ता के बाहर रहने के बाद भी समाज के लिए काम किया है।उन्होंने कहा कि उनके द्वारा खीर पर दिए बयान का लोगों ने अलग-अलग मतलब निकाला। उन्हें किसी पार्टी या जाति कोे कर ये बात नहीं कही थी। उन्होंने सभी को साथ लेकर चलने के संदर्भ में खीर वाला बयान दिया था। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी होनी चाहिए।