बिहार डेस्कः तमाम मुश्किलों से घिरे लालू परिवार के लिए आज राहत का दिन है। एक तरफ राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को जमानत मिली है तो दूसरी तरफ पूर्व सीएम मांझी ने महागठबंधन के लिए बड़े त्याग की बात कहकर राजद की मुश्किलें आसान कर दी है। बिहार के पूर्व सीएम सह हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी बिहार में वही भूमिका निभाएंगे जो कर्नाटक में कांग्रेस ने निभायी थी। कर्नाटक मंे कांग्रेस ने जिस तरह बीजेपी को रोकने के लिए बड़ा त्याग किया और कम सीटों वाली जेडीएस को सीएम की कुर्सी सौंप दी उसी तरह बिहार में जीतन राम मांझी ने एलान किया है कि महागठबंधन की जीत के लिए वो बड़ा से बड़ा त्याग करने को तैयार हैं और अगर जरूरत पड़ी तो न तो वे खुद चुनाव लड़ेंगे और न हीं अपनी पार्टी के लिए एक भी सीट की मांग करेंगे। दरअसल एनडीए यह संदेश दे दिया गया है कि महागठबंधन एकजुट है और एनडीए की हार महागठबंधन का एकमात्र लक्ष्य है।पटना मे पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने कहा कि वे कुशवाहा की तरह खीर बनाने और खिलाने में नहीं विश्वास करते हैं। हां, खिचड़ी बनाने में उन्हें विश्वास है। उपेन्द्र कुशवाहा ने आज कहा कि एनडीए के कुछ नेता ही नरेंद्र मोदी को पीएम बनते नहीं देखना चाहते हैं। मांझी ने कुशवाहा के इस बयान का समर्थन किया । उन्होंने कहा कहा कि उपेंद्र कुशवाहा के मुँह में घी शक्कर । मांझी ने कहा कि एनडीए में जो लोग मोदी को पीएम बनते नही देखना चाहते उनका हम स्वागत करते है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि उपेन्द्र कुशवाहा जितनी जल्दी हो महागठबंधन में आ जा, वर्ना फिर जगह नहीं मिलेगी।राजधानी पटना में अतिक्रमण हटाने पर जीतराम मांझी ने कहा की सिर्फ गरीबो की झोपड़ियां उजाड़ी जा रही हैं।सरकार गरीबो के बिना विकल्प किए ही बारिश में उनके घरों को तोड़ रही है ।सरकार पूरी तरह से बेशर्म हो गई है।बड़े बड़े मॉल को छोड़ फुटपाथी दुकानों पर बुल्डोज चलाया जा रहा । सरकार को चेतावनी देते हुए जीतनराम मांझी ने कहा की गरीबो के आशियाना उजाड़ने के खिलाफ 15 दिन के बाद गांधी मैदान बड़ा आंदोलन करेंगे।साथ ही गांधी मैदान से लेकर राजभवन तक मार्च करेंगे।