भारत चीन सीमा पर बीते दिनों हिंसक झड़प मामले में आज प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक वर्चुअल आयोजित की गई थी जिसमें सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान सभी दल के नेताओं ने केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया। भारत-चीन सीमा मुद्दे पर पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, ‘हमें पीएम पर पूरा भरोसा है। अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई, तो पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए।’ वहीं टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है। राकांपा प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं, इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है। सीमा विवाद मुद्दे पर सीपीआई के डी राजा ने कहा कि हमें उनके गठबंधन में खींचने के लिए अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया।
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सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक पहले ही बुलाई जानी चाहिए थी। सरकार एलएसी को लेकर आश्वासन दे। प्रधानमंत्री द्वारा और जानकारी दी जानी चाहिए था। सरकार ये बताए कि चीन ने एलएसी पर घुसपैठ कब की? हमें अब भी अंधेरे में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ खास सवाल हैं-किस तारीख को चीनी सेना ने घुसपैठ की। सरकार को कब पता चला कि घुसपैठ हुई? क्या सरकार को सैटेलाइट तस्वीरों से पता नहीं चला? क्या खुफिया एजेंसियां चीनी मूवमेंट की जानकारी देने में नाकाम रहीं? सूत्रों का ये भी कहना है कि के चंद्रशेखर राव, नवीन पटनायक ने सोनिया गांधी के विचार को खारिज किया।