सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क, सचिव स्वास्थ्य एवं अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह एवं अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में अद्यतन जानकारी दी। सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लेकर सरकार द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। मुख्य रूप से पांच महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोविड से सुरक्षा की स्ट्रैटजी के तहत लोगों की ट्रैकिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं डोर टू डोर स्क्रीनिंग की जा रही है। टेस्टिंग इस तरह से की जा रही है कि संक्रमण का पता लगाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। इसके साथ ही स्किल सर्वे का भी काम हो रहा है। अनुपम कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कल कई स्वास्थ्य संस्थानों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके अलावा कोविड-19 को लेकर आइसोलेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक सप्ताह के अंदर लगभग सभी जिलों में टेस्टिंग की फैसिलिटी प्रारंभ कर दी जायेगी।
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कोरोना संक्रमण से सुरक्षा, सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। बाहर से आये हुए और यहां रहनेवाले सभी श्रमिकों को भी रोजगार प्रदान करना सरकार का लक्ष्य है। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में इसके लिये समिति गठित की गयी है। इसे लेकर एक एप भी डेवलप किया गया है जिसके माध्यम से स्किल एवं रोजगार की मैचिंग होती है। एप में इंडस्ट्रीज का रिक्वायरमेंट्स और श्रमिकों का स्किल फीड रहता है। इस प्रकार से श्रमिक को यह मैसेज चला जाता है कि उनके लिए कौन-कौन से रोजगार उपलब्ध हैं और उसके आधार पर वे एक्सेप्ट करते हैं। यह काम काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु इंडस्ट्रियल पॉलिसी में आवश्यकतानुसार मिडटर्म संशोधन किया जायेगा जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं उनको सरकार की ओर से पूरी मदद दी जायेगी। रोजगार सृजन सरकार की दूसरी महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष ध्यान है और सभी संबंधित विभाग रोजगार सृजन को लेकर किये जा रहे कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक लगभग 4 लाख 46 हजार से अधिक योजनाओं के अंतर्गत 5 करोड़ 26 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है।
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अनुपम कुमार ने बताया कि सरकार की तीसरी प्राथमिकता है कि जितने भी गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवार बचे हैं, उनको जल्दी से जल्दी राशन कार्ड उपलब्ध करा दिया जाय। इसके लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। सभी अनुमंडलों में अनुमंडल पदाधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। कई अनुमंडलों में 300 से 400 की संख्या में कंप्यूटर ऑपरेटर निरंतर काम कर रहे हैं। असामयिक वर्षापात और ओलावृष्टि के कारण फरवरी, मार्च और अप्रैल महीने में किसानों की जो फसल क्षति हुई है, उसके लिए कृषि इनपुट अनुदान के तहत 730 करोड़ रूपये की राशि निर्गत की गयी है। प्रभावित किसानों को यथाशीघ्र राहत पहुंचाने के लिए कृषि इनपुट अनुदान वितरण के कार्य में गति लायी गयी है। यह सरकार की चैथी प्राथमिकता है। सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए कई नये लोगों ने आवेदन किया है, उनकी पेंशन की स्वीकृति समय से हो जाय, यह सरकार की पांचवी प्राथमिकता है ताकि वह सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाय। इन पांच बिन्दुओं पर मुख्य रूप से काम हो रहा है। इसके अलावा जो सामान्य काम-काज, सात निश्चय की योजना एवं अन्य योजनायें हैं इन सब पर तेजी से काम करने के निर्देष संबंधित विभागों को दिये गये हैं। सचिव, सूचना एवं जन-संपर्क ने बताया अभी ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स की संख्या 6,985 है जिनमें 1 लाख 83 हजार 504 लोग आवासित हैं। ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर्स में अब तक 15 लाख 13 हजार 93 लोग आवासित हो चुके हैं। इनमें से 13 लाख 29 हजार 589 लोग क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी कर अपने घर वापस जा चुके हैं।
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मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के अंतर्गत बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 86 हजार 140 लोगों के खाते में प्रति व्यक्ति 1,000 रूपये की सहायता राशि भेजी जा चुकी है। बाहर से बिहार के लोगों का कॉल्स/मैसेजेज अब बहुत कम आ रहे हैं क्योकि जितने लोगों को वापस आना था वे लगभग आ चुके हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बिहार आने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। आज 9 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 11,550 लोग बिहार पहुंच रहे हैं। कल के लिए 2 ट्रेनें शिड्यूल्ड हैं जिनके माध्यम से 3,300 लोगों का आगमन संभावित है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 99,108 सैंपल्स की जांच की गयी हैं, कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4,972 हो गयी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 227 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं। 24 घंटे में 107 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक कुल 2,405 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर वापस जा चुके हैं। बिहार के 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के 2,536 एक्टिव मामले हैं। 3 मई के बाद बाहर से बिहार आने वाले लोगों में से 3,615 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुयी है।
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स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्क्रीनिंग टीम प्रतिदिन प्रवासियों के घरों पर जाकर स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है और ये भी देख रही है कि वे होम क्वारंटाइन की गाइडलाइन्स का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं। साथ ही स्क्रीनिंग दल यह भी देख रहा है कि उनमें कोविड के लक्षण हैं अथवा नहीं। इस सर्वेक्षण में अब तक 5 लाख 35 हजार व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इनमें से अब तक 253 ऐसे व्यक्ति मिले हैं जिनको खांसी, बुखार या फिर सांस लेने में कठिनाई की शिकायत है और 8 व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाए गये हैं। सिम्टम्स वाले ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की टेस्टिंग करायी जा रही है। ज्यादा से ज्यादा संक्रमण की पहचान करने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। अधिक से अधिक संक्रमण की पहचान किये जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जन और जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिये हैं। अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 जून 2020 से गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गयी नई गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। 1 जून से अब तक कुल 11 एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी हैं और 15 लोगों की गिरफ्तारियां हुयी हैं। 5,870 वाहन जब्त किये गये हैं। इससे कुल 1 करोड़ 61 लाख 33 हजार 160 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। पिछले 24 घंटे में अवरोध पैदा करने के कारण 992 वाहन जब्त किये गये हैं और 23 लाख 27 हजार 360 रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किये गये हैं। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।