‘एक ईद ऐसा भी’- ‘मैं बेगूसराय का बेटा हूं’ टीम ने बांटी दूध एवं सेवई
22 मार्च से लगे लॉक डाउन ने जहाँ देश के आम नागरिक को वित्तिय रूप से तोड़ दिया है तो वही पर्व त्योहार पर भी ग्रहण लगा दिया है। हिन्दू के महान पर होली, राम नवमी हो या मुस्लिम का पर्व ईद हो, दोनो ही पर्व फ़ीका हो गया। आज मानवता पर इतनी बड़ी संकट से लोग जान बचाने के लिये घर मे दुबके हुए है। कोरोना ने आम जनजीवन के साथ-साथ पर्व त्योहार पर भी ग्रहण लगा दिया है। पिछले एक महीना से मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा इबादत का पर्व माहे रमजान चल रहा था। “मैं बेगूसराय का बेटा हूँ” की टीम संकट की इस घड़ी में मानवता को बचाने के लिये बून्द रूपी ही सही लेकिन अथक प्रयास कर रही है। अभियान के तहत 25 हजार जरूरतमंद परिवार तक खाद्य वस्तु व कपड़ा आदि सामग्री भी पहुचाने का प्रयास किया है। मातृ दिवस के अवश्य पर भी महिलाओं के बीच साड़ी का वितरण किया तो वही समाज के ट्रांसजेंडर के बीच सहायता रूप में 16 परिवार को 15 दिन का भोजन सामग्री का वितरण किया।
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आज इस टीम ने 60 जरूरतमंद अल्पसंख्यक समाज के बीच दूध और सेवई का वितरण किया तो वही दौना में दूसरे राज्यो से आ रहे अपलसंख्यक समुदाय के लोगो के बीच पके भोजन का वितरण किया। टीम के मुख्य संयोजक भूमिपाल राय ने बताया कि हमलोगो ने इस मानवीय अभियान को लोगो से लोगो के लिये सहायता लेकर एक राष्ट्रीय चर्चा बना दिया है। हमने साबित किया है कि बिना संसाधन के भी संकल्प लेकर बड़ा से बड़ा काम किया जा सकता है। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को इस चिलचिलाती धूप में भी मानव जीवन के लिये ततपरता से कार्य करने के लिये बधाई दी है।