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कोरोना वायरस का पूरे विश्व में है और इसकी वजह से न सिर्फ जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है बल्कि शादी व्याह और पर्व त्योहारों पर भी ग्रहण लग गया है। इस्लाम के अनुसार पाक महीना रमजान के 28 दिन बीत गए हैं और अब ईद की बारी है लेकिन कोरोना और लॉक डाउन की वजह से ईद की पर्व पर भी ग्रहण लगा हुआ दिखाई दे रहा है। ईद के मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हर वर्ष हजारों मुस्लिम लोग नमाज पढ़ने के लिए जुटते थे जिसमें अक्सर राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल हुआ करते थे लेकिन इस बार शायद गांधी मैदान में ईद की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। वर्ष 1925 के बाद यह पहला मौका होगा जब ईद पर गांधी मैदान में नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। और इसका मुख्य कारण है कोरोना। बताते चलें, इस साल 23 मई की शाम काे चांद का दीदार अगर हुआ ताे 24 काे ईद हाेगी। 23 काे चांद का दीदार नहीं हाेने पर 25 काे निश्चित रूप से ईद हाेगी।
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आपको बता दें कि ईद में हर वर्ष गांधी मैदान मे लगभग पचास हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ते थे लेकिन इस बार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में होने वाली परेशानियों को लेकर ईद नमाज कमिटी गांधी मैदान के सदर महमूद आलम और सचिव मौलाना मो. मिस्बहुद्दीन ने लोगों से अपील की है कि वे ईद उल फ़ित्र की नमाज अदा करने के लिए गांधी मैदान न आएं। उन्होंने सबसे लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की बात कही है। वहीं इमारत-ए- शरिया फुलवारीशरीफ के अमीर-ए- शरियत हजरत माैलाना सैयद वली रहमानी ने ऐलान किया है कि जिन मस्जिदाें व ईदगाहाें में ईद की नमाज हाेते आ रही है, वहां चंद लाेग ही ईद की नमाज अदा करें। बाकी लाेग अपने-अपने घराें में ही ईद की नमाज अदा करें। घर में भी जमाएत कर बाहर के लाेगाें काे न बुलाएं।