शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी विपक्षी दलों पर ट्विटर के जरिये जम कर बरसे। उन्होंने एक तरफ जहां कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा के यूपी सरकार को बस देने पर हमला किये वहीं दूसरी तरफ बिहार पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के द्वारा चलाये जा रहे ‘लालू की रसोई’ पर भी भड़ास निकाला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘प्रियंका गांधी जैसे यूपी के मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसें भेज रही थीं, वैसे ही राजद लॉक डाउन के 60 दिन बाद ‘लालू की रसोई’ का बोर्ड लगा कर बिहार लौटे मजदूरों को भोजन कराने का नाटक कर रहा है। राज्य सरकार ने विशेष ट्रेनों के जरिये 6 लाख से ज्यादा मजदूरों की सुरक्षित वापसी करायी, बसों से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचाया और क्वारंटाइन केंद्रों में भोजन-जलपान की व्यवस्था की। आपदा प्रबंधन की लगातार मोनिटरिंग भी की जा रही है, लेकिन जिन्हें सेवा के बहाने मेवा लूटने के मौके नहीं मिल रहे, वे क्वारंटाइन केंद्रों में गड़बड़ी के मनमाने आरोप गढ़ रहे हैं।
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वहीं उन्होंने एक अन्य ट्वीट कर काला धन के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काम की तारीफ की एवं कहा कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में कालाधन वापस लाने के लिए एसआइटी गठित करने का फैसला किया और देश को भरोसा दिलाया कि ‘न खाएंगे न खाने देंगे।’ भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चला कर वे अपने वादे पूरे कर रहे हैं, लेकिन जिनको पशुओं के चारे, सड़क निर्माण के अलकतरे और करोड़ों रुपये के रक्षा सौदे तक मे खाने की आदत है, उन्हें सरकार बुरी लग रही है। वे एनडीए सरकार के राहत कार्यों में भी घोटाला खोज रहे हैं। विपक्ष के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। वे इस संकट काल मे कोरोना योद्धाओं, प्रशासन और समाजसेवियों का मनोबल तोड़ने में लगे हैं।’