बिहार डेस्क-नसीम खान
वाल्मीकि नगर के अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के भवन के चारों तरफ घने जंगल उग आए है। जिसमे विषैले सांपों का बसेरा बन गया है, और भवन के अंदर भी सांपों को रेंगते हुए देखा जा सकता है। यह भवन लगभग 5 एकड़ में फैला हुआ है, जो कभी 25 से 30 किलोमीटर के दरमियान चर्चित हुआ करता था, और नेपाल के भी मरीज आते रहते थे, लेकिन एक दशक से मानो इस स्वास्थ्य केंद्र को ग्रहण सा लग गया है। सन 1964 में बनकर तैयार हुआ यह स्वाथ भवन स्वाथ के सारे जीवन रक्षक उपकरणों के विभागों के साथ चला करता था। 56 शैय्या वाले इस चर्चित हॉस्पिटल में एक्स रे डिपार्टमेंट, क्लैमेसिया, प्रसूति डिपार्टमेंट, बन्ध्याकरण, लाईफ सपोर्ट सिस्टम व ऑपरेशन डिपार्टमेंट अपने विशेषज्ञों के द्वारा चला करतें थे।
अनुभवी शिक्षक वेदप्रकाश मिश्र व स्थानीय निवासी जयप्रकाश व सुनील दास ने बताया कि प्रथम नियुक्ति डॉ हरेंद्र सिंह की हुई थी। उस समय अनुभवी डॉक्टरों की कोई कमी नही थी, जिसमे महिला डॉक्टर की भी पोस्टिंग थी। इन्होंने आगे बताया कि इस स्वास्थ केंद्र का 1992-94 तक स्वर्णिम काल रहा है। और मिनी चम्बल से कुख्यात वाल्मीकि नगर के स्वास्थ केंद्र ने प्रशासन द्वारा चलाये गए ब्लैक पेंथर अभियान के कई लोमहर्षक व कई चर्चित ऑपरेशन व पोस्मार्टम किये। लेकिन एक दशक पूर्व मानो इसे ग्रहण लग गया है, सरकार की उदासीनता के कारण सदर अस्पताल के दर्जे को सारे संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद कम कर इसे अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र में तब्दील कर दिया गया है। बतादें की सारे उपकरणों को जंग खा रहे हैं। बतातें चलें कि यह स्वास्थ्य केंद्र पहले जल संसाधन योजना के अधीन चलता था, पर यह अब स्वास्थ केंद्र के अधीन आ गया है, जिस कारण इसका और भी बुरा हश्र होता जा रहा है, एक भी महिला डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं होने से 30 किलोमीटर के आसपास के महिला मरीजों की जान सांसत में बनी रहती है। यह स्वास्थ्य केंद्र विटीआर के बीचोंबीच बसा हुआ है, जहां जंगली जानवरों व ज़हरीले सांपों की बाईट की घटना होते रहती है, लेकिन इस अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र में बंदर, कुत्ते व सांप के वैक्सीन नदारत रहतें है, जिस कारण मरीजों को नेपाल व बगहा, बेतिया का रुख करना पड़ता है। कभी कभी तो मरीजों की जान रास्ते मे ही चली जाती है। पदस्थापित डॉ संजय ने बताया कि कभी कभी आपूर्ति में देरी के कारण ऐसा हो जाता है, लेकिन फिलहाल ऐसी नोबत नहीं है। 2010 में मुख्य अभियंता ऑफिस मोतिहारी से ट्रांसफर होकर वाल्मीकि नगर के इसी स्वास्थ केंद्र के भवन में शिफ्ट कर गया था। जिस कारण यह अतिरिक्त स्वास्थ केंद्र और सिमट के रह गया है।