बिहार ब्रेकिंग-रवि कुमार गुप्ता-लातेहार(झारखंड)
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मो तौफीक अहमद की अदालत ने मुख्यमंत्री झारखंड हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले मिलन शुक्ला कीओर से दायर जमानत याचिका स्वीकृत कर ली गई है। आरोपी शुक्ला के अधिवक्ता सुनील कुमार ने अदालत को बताया की आरोपी एक छात्र है, राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग करने गए झारखंड के छात्रों को वापस लाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सोरेन ने अपने ट्विटर पर ट्वीट किया था। आरोप के अनुसार उक्त ट्वीट को शुक्ला ने अपने फेसबुक पर अपलोड कर सोरेन के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी किया था। अधिवक्ता कुमार ने बताया कि शुक्ला को भादवि की धारा 153 ए के तहत आरोपी बनाया गया है, जबकि उक्त धारा के तहत दो समुदायों के विरुद्ध विद्वेष की भावना से की गई कार्रवाई के लिए दंड का प्रावधान है। अधिवक्ता कुमार ने अदालत को बताया की भादवि की धारा 153 ए को छोड़कर धारा 500, 501 एवं 504 जमानतीय प्रवृत्ति के हैं और आरोपी छात्र ने ऐसा कोई भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी नहीं किया है। जिससे किसी समुदाय या किसी संप्रदाय के खिलाफ विद्वेष फैले इसलिए भादवि की धारा 153 ए आरोपी के विरुद्ध लागू नहीं होता है।
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आरोपी के अधिवक्ता कुमार ने अदालत को बताया कि आरोपी के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी भारत के संविधान द्वारा आर्टिकल 19 (1) (अ) के तहत नागरिकों को प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है।इस पर सरकारी अधिवक्ता अशोक कुमार दास ने मामले को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया। दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के उपरांत अहमद की अदालत ने आरोपी की ओर से दायर जमानत याचिका को स्वीकृत कर लिया। अदालत ने पांच – पांच हजार रुपये के दो निजी मुचलके पर आरोपी को रिहा करने का आदेश पारित किया। आरोपी के द्वारा बंधपत्र प्रस्तुत करने के उपरांत शनिवार दोपहर आरोपी छात्र को जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया।