बिहार डेस्क-रवि गुप्ता-सीतामढ़ी
बिहार के सबसे बड़े गैंगस्टरों में शामिल संतोष झा के मर्डर की मिस्ट्री कुछ घंटों में ही सुलझ गई है। संतोष झा को आज 28 अगस्त को सीतामढ़ी के कोर्ट कैंपस में गोलियों से भून दिया गया था। संतोष झा का मर्डर विकास झा और उसके दो साथियों ने किया। विकास झा मर्डर के बाद भागते वक़्त पकड़ा गया। जिस पिस्टल से संतोष झा की हत्या हुई, जब्त कर ली गई है। मैगज़ीन भी बरामद हुई है। विकास झा ने पुरानी रंजिश में संतोष झा को मौत के घाट उतारा। वह पिछले कई वर्षों से संतोष झा की हत्या कर देने की फिराक में लगा था। इसके लिए वह पहले जेल से भी भाग चुका था। सीतामढ़ी से मिल रही अपडेटेड खबर के मुताबिक़ अपराध की दुनिया में संतोष झा की इंट्री नक्सली के रूप में हुई थी, वह नक्सली बना। तब इलाके का एरिया कमांडर गौरीशंकर झा था। गौरीशंकर झा आज संतोष झा की हत्या करने वाले विकास झा के पिता थे। गौरीशंकर झा की देखरेख में ही अंडरवर्ल्ड में संतोष झा की खौफनाक चमक बढ़ी। लेकिन वह जल्दी ही पेशेवर अपराध की दुनिया में आने को बेताब हो गया। इस क्रम में 2010 में संतोष झा ने नक्सली संगठनों से अपना नाता तोड़ा और खुद का गैंग बना लिया। अपने गैंग में नक्सली संगठन का ढेर सारा हथियार भी ले आया। नक्सली संगठन से संतोष झा के अलग होने के बाद दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हो गए। नक्सली संतोष झा को ख़त्म करना चाहते थे। दूसरी ओर संतोष झा अपना खौफ बढाने में लगा था। नक्सलियों की चुनौती से निपटने को संतोष झा ने 2012 में अपराध की दुनिया के अपने गुरु और नक्सली कमांडर गौरीशंकर झा के घर पर ही हमला बोल दिया। तब गौरीशंकर झा की पत्नी देवता देवी पुरनहिया की प्रमुख हुआ करती थी। अंधाधुंध गोलीबारी कर संतोष झा ने गौरुशंकर झा को मार डाला। पत्नी देवता देवी की जान बाद में किसी तरह से बची।
गौरीशंकर झा की हत्या के बाद बेटा विकास झा के सर पर बदले का नशा सवार हो गया। वह भी अपराधी बना। आतंक बढ़ाने लगा। लेकिन असली मकसद संतोष झा को मार देना था। कई मौके पर उसने घात लगाया, किंतु संतोष झा का खौफ इतना अधिक बढ़ गया था कि वह टारगेट में आता ही नहीं। आज उसने आखिरकार संतोष झा का काम तमाम कर ही दिया। गिरफ्तारी के बाद सीतामढ़ी पुलिस विकास झा से मर्डर की पूरी प्लानिंग के बारे में जानने में लगी है। भागे दो अन्य अपराधियों का पता चल गया है। छापेमारी शुरू कर दी गई है। इस बात की भी तस्दीक की जा रही है कि क्या कोई भूमिका मुकेश पाठक की भी है। खबर यह है कि पिछले कई महीनों से संतोष झा की अनबन अपने गिरोह के सबसे शार्प शूटर मुकेश पाठक से भी चल रही थी।