बिहार ब्रेकिंग
एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स के पदाधिकारियों की ओर से शनिवार को सदस्य विद्यालय प्रधानों को, शिक्षकों तथा शिक्षणेत्तर कर्मियों के वेतन से संबंधित निर्देश जारी किए गए। ज्ञातव्य है कि मार्च में फ़ी ज़मा नहीं हो पाने के कारण अधिकांश विद्यालय घोर आर्थिक संकट झेल रहे हैं, और वे मार्च का पूर्ण वेतन देने की स्थिति में भी नही हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सी बी सिंह ने बताया कि फ़ी संचयन न होने की स्थिति में भी हमें अपने कर्मियों को 10 अप्रैल तक पूर्ण या आंशिक वेतन अवश्य देना है, चाहे इसके लिए हमें बैंक या अन्य स्रोतों से कर्ज़ ही क्यों न लेना पड़े। हाँ, मार्च के वेतन का एक भाग भी यदि हम जारी कर देते हैं तो हमारे शिक्षकों एवं अधीनस्थ कर्मियों की न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी, क्योकि लॉक डाउन के कारण बैंक की किश्तें इत्यादि देय नहीं हैं और मूलभूत आवश्यकताओं के अतिरिक्त और अधिक ख़र्च करने की गुंजाइश भी नहीं है। मार्च का शेष वेतन आर्थिक स्थिति सुधरते ही देय होगा, और कोई भी विद्यालय इस भुगतान को किसी भी स्थिति में रोक नहीं सकेगा। यह सलाह दी जाती है कि न्यूनतम 40% से लेकर पूर्ण वेतन तक जो भी संभव हो, अविलम्ब भुगतान कर दिया जाए।
एसोसिएशन के महामंत्री डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि यही वह वक़्त है जो हमारे और स्टॉफ के बीच के संबंधों को बहुत दूर तक ले जाएगा। यदि आज हम उनके लिए थोड़ी कठिनाई उठा लेंगे तो वे जीवन पर्यंत हमें अपनी पलकों पर बिठाएंगे। हमारे एकाउंट में आज भले ही पैसे न हों, किन्तु इन्हीं की मदद से तो हमने संस्थाएं खड़ी की हैं? डॉ सिंहा ने एसोसिएशन के सदस्यों से आग्रह किया कि ऐसे समय पर सरकार से प्राप्त निर्देशों का सम्यक पालन करें। फ़ी वसूली के संबंध में यदि कोई सरकारी आदेश आता भी है तो प्रतिक्रिया देने से बचें। एसोसिएशन इस संबंध में अध्यक्ष एवं महामंत्री सहित अन्य पदाधिकारियों के मतानुसार आगे की कार्यवाही करेगा। ध्यान रहे, फ़ी के लिए दबाव बनाने की अनुमति नहीं है किंतु अभिभावक यदि स्वेच्छा से शुल्क जमा करते हैं तो यह विद्यालय के संचालन हेतु परम सहायक सिद्ध होगा।