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बिहार में कोरोना मरीज मिलने के बाद मधेपुरा में भी लोग दहशत में हैं। अब तक करीब एक दर्जन संदिग्ध को मधेपुरा सदर अस्पताल से डीएमसीएच रेफर किया गया है लेकिन किसी की भी रिपोर्ट अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। वहीँ हाल ही में शुरू हुए मधेपुरा मेडिकल कालेज अस्पताल में भी कोरोना के इलाज और जाँच की मांग उठने लगी है। कोरोना को लेकर मधेपुरा में क्या है तैयारी पढ़ें यह खास रिपोर्ट।
मधेपुरा में कोरोना से लोग कितने बचेंगे इसकी बानगी सदर अस्पताल और मेडिकल कालेज में लोगों के इलाज के तरीके से समझा जा सकता है। यहाँ मरीजों की लम्बी कतार है और सभी एक दुसरे से चिपके है। कोरोना से सुरक्षा के नाम पर महज मास्क लगाए चिकित्सक करीब दो मीटर की दुरी से इलाज कर रहे हैं। वे न पेसेंट को छू रहे हैं न आला लगा रहे हैं। तैयारी के नाम पर सदर अस्पताल में 4 बेड का आइसोलेशन वार्ड पहले से बना था अब उसे 20 बेड का कर दिया गया है। इसके साथ ही जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज में भी 100 वेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। कोरोना को लेकर सरकार और व्यवस्था की लापरवाही पर विपक्षी नेता सवाल उठाने लगे हैं।
मधेपुरा के राजद विधायक और पूर्व आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब कोरोना से बचाव की व्यवस्था करने की जरुरत थी हम अमेरिकी चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति तो और हास्यास्पद है जब मरीज कोरोना से मर जाता है तब रिपोर्ट आती है। जब बिहार में चमकी बुखार का इलाज नहीं हो पाता तो कोरोना को लेकर और सजग होने की जरुरत हैं। उन्होंने जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज में इलाज और जाँच की मांग की, साथ ही पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेंटर बनाने की भी मांग की। वही जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने बताया कि प्रशासन के स्तर पर तैयारी पूरी की गयी है। कुछ कमी है जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।