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अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए योगी सरकार द्वारा दी गई 5 एकड़ जमीन को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। बोर्ड के इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बाबरी मस्जिद पक्षकार हाजी महबूब ने जमीन स्वीकार करने के निर्णय पर खुशी जाहिर की है, वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने इसका विरोध किया है।
इकबाल अंसारी ने किया फैसले का स्वागत
बाबरी मस्जिद पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस जमीन पर वही काम हो जो देश को पसंद आए, उन्होंने जमीन पर स्कूल और अस्पताल बनवाने की सलाह दी है।
मस्जिद के लिए नहीं मिली पूरी जमीन- हाजी महबूब
इकबाल अंसारी के साथ-साथ बाबरी मस्जिद के एक अन्य पक्षकार हाजी महबूब ने भी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हिन्दू पक्ष को दी गई 67 एकड़ भूमि में ही मस्जिद की जमीन देनी थी, जिसे नहीं दिया गया यह नाइंसाफी है।
शिया धर्मगुरु ने किया फैसले का विरोध
वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने सुन्नी बक्फ बोर्ड के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा ज़मीन स्वीकारने का फैसला गलत है। मस्जिद को जब हम किसी को दे नहीं सकते तो, उसके बदले में जमीन भी नहीं ले सकते हैं। मौलाना सैफ अब्बास ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खुशामत में लगे हैं और जमीन लेकर वह कोई घोटाला करने के बारे में सोच रहे होंगे। पूरे मुस्लिम समाज से भी अगर बात की जाए तो वे भी मना कर देते कि हमें पांच एकड़ जमीन की जरूरत नहीं है।
5 एकड़ जमीन स्वीकार करेगा बोर्ड
आपको बता दें कि आज लखनऊ में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बैठक हुई थी। जिसमें यूपी सरकार की ओर से मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में दी गई 5 एकड़ जमीन को स्वीकार करने का फैसला किया है। बैठक में तय किया गया कि जमीन के लिए इंडो-इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन नाम से ट्रस्ट गठित किया जाएगा।