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हैदराबाद रेप कांड के चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। चारों आरोपियों को ढेर करने की खबर के बाद से इसपर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है। अधिकतम लोगों ने पुलिस के इस कार्यशैली पर खुशी जाहिर की है जबकि कुछ लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किए हैं।
पटना में लोगों ने चारों आरोपियों को ढेर किये जाने के मामले में कहा कि पुलिस ने बहुत ही अच्छा काम किया है, लेकिन बेहतर होता अगर चारों को भीड़ के हवाले कर देती। वहीं राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने खुशी जताई है और कहा कि पीड़िता के मानव अधिकार का क्या हुआ, जो लोग आरोपियों के मानव अधिकार की बात करते हैं। एनकाउंटर पूरी तरह सही है। वहीं कवि कुमार विश्वास ने कहा कि इस घटना पर देश के सामान्य नागरिकों में प्रसन्नता, “न्यायिक व्यवस्था व राजनैतिक संकल्प-शक्ति” के प्रति गहरे अविश्वास की दुखद सूचना भी है। जनतंत्र के रूप में हम सब को इस व्यवस्था के आमूल-चूल कायाकल्प के विषय में सोचना ही होगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने कहा है, ‘’घटना को लेकर लोगों में रोष था। हर व्यक्ति उन्हें सजा देने की मांग कर रहा था। अब क्योंकि पुलिस की कस्टडी से आरोपियों ने भागने का प्रयास किया था तो पुलिस को जो सही लगा, वह उन्होंने किया। अगर कोई जांच की मांग कर रहा है तो राज्य सरकार देखेगी। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष और महिला सुरक्षा के लिए पिछले कई दिनों से अनशन पर बैठी स्वाति मालिवाल ने कहा है कि आज उन आरोपियों के साथ जो हुआ है, अच्छा हुआ है। हालांकि उन्होंने कहा कि मैं अपना आमरण अनशन अभी भी जारी रखूंगी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एबीपी न्यूज़ से कहा है, ‘’कहीं पुलिस ने पब्लिक के दबाव की वजह से तो एनकाउंटर नहीं किया? आखिर ऐसी कौनसी नौबत आ गई थी कि कानून के रखवालों को ही कानून हाथ में लेना पड़ा। हो सकता है कि चारों आरोपियों ने वाकई में भागने की कोशिश की हो, लेकिन एक साथ चारों आरोपियों को मार देना एक्सट्रीम कंडीशन है। इस एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए।’’