बिहार ब्रेकिंग-रंजन कुमार-पंकज कुमार-रवि कुमार गुप्ता
शेखपुरा-लोक आस्था का महापर्व छठ के तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को पूरे देश मे अर्घ्य दिया गया। अस्ताचलगामी सूर्य को खष्टी का भी अर्घ्य कहा जाता है। आज के दिन व्रती पिछले 24 घंटे से निर्जला व्रत में रहते हैं और फिर शाम में सूर्य को अर्घ्य देते हैं। शेखपुरा में घाटो को बेहतर तरीके से सजाया गया है। तालाबो में शुद्ध पानी की व्यवस्था की गई है। सबसे ज्यादा भीड़ रातोईया नदी में देखा जा रहा है छठव्रती को कोई दिक्कत नही हो इसके लिए घाट पर चेंजिग रूम बनाया गया है। दूसरी तरफ सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। 36 घंटे का निर्जला व्रत कल सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर समाप्त किया जाएगा। कुल मिलाकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है।
गया के बोधगया में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर विदेश से आये पर्यटक भी सेवा भाव से आगे आये और बोधगया में छठ घाट की ओर जाने वाली सड़को पर अर्घ्य देने जा रही छठव्रती में पूजा सामग्री का वितरण किया। विदेश से आये विदेशी पर्यटक ने बताया की छठ महान पर्व है इसलिए हमलोग रास्ते में पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का वितरण कर रहे है। भारत मे खासकर बिहार के लोग इस महापर्व के प्रति लोगो की आस्था है।जिसमे भगवान सूर्य की पूजा आराधना करते है जिसकी वजह से हमलोग, जीव-जंतु, वन्यप्राणी, पेड़ पौधे आदि सभी धरती पर है।
लातेहार- छठ पर्व पर पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है। यह अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है। इस समय जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ होते हैं। छठ का पहला अर्घ्य आज दिया गया। बरवाडीह के आदर्शनगर छठ घाट, धधड़ी नदी छठ घाट, देवरी नदी छठ घाट एवं पम्पू कल छठ घाट पर लोग आस्था में लीन दिखे। भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके साथ ही दीनानाथ का संध्या अर्घ सम्पन्न हुआ। कल उगते सूर्य को अर्घ देने के बाद आस्था का महापर्व का समापन हो जायेगा।