बिहार डेस्कः जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक युवा परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने सवर्ण आरक्षण पर चल रहे बयानबाजी पर सत्ता पक्ष और विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि चुनाव आते ही गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात होने लगती है और चुनाव के बाद इनके वादे गायब हो जाते है। तिवारी ने कहा कि आज जदयू के नेता सवर्ण आरक्षण की मांग अपनी सरकार से क्यों कर रहे हैं? अब तो सरकार भी आप ही की है आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के लिए कौन मना कर रहा है अब तो सरकार आप की है तो मांग किससे कर रहे है? सवर्णो को जो भरमाने का प्रयास सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग कर रहे हैं उनसे उनको सवर्ण वोट नहीं हासिल होने वाला है ।राज्य की जनता भली भांति जानते है कि यह सब मुद्दे चुनावी मुद्दे होते हैं जो चुनाव तक ही सीमित रहती है। तिवारी ने राजद पर प्रहार करते हुए कहा कि जब सरकार में थे तब क्यों नही गरीब सवर्णो को आरक्षण देने की बात करते थे। जब सरकार में थे तो क्यों नहीं विधेयक पास किया गया गरीबो का कोई जात नहीं होता है और गरीबों पर राजनीतिकरण करना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
आज रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी ,भाजपा सभी पार्टी के नेताओं को गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की बात याद आने लगी ताकि वोट बैंक बना रहा है पर देश के गरीब जनता गरीबों को राजनीतिकरण का जवाब चुनावी रणभूमि में देगी।तिवारी ने कहा कि जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के संरक्षक सांसद पप्पू यादव ने शुरू से ही गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं आज यह लोग नए-नए वोट बैंक के लिए यह मुद्दा को उठा रहे हैं लेकिन पार्टी संरक्षक सांसद पप्पू यादव ने सड़क से सदन तक इस मामले को विगत कई वर्षों से जनसंख्या एवं आर्थिक आधार पर मांग कर रहे हैं।तिवारी ने कहा कि अगर सही में जनता दल यूनाइटेड और बिहार सरकार के लोग गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं तो विधानसभा एवं विधान परिषद में बिल पास कर गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का कार्य करें और सवर्ण आयोग का गठन कर गरीबों तक उसको आर्थिक शैक्षणिक हर रूप से उसे लाभ दे। नहीं तो गरीब सवर्ण इन नेताओ की चिकनी-चुपड़ी बातो में नही आने वाली जन अधिकार पार्टी गरीब सवर्णों को आरक्षण देने पर अपनी सहमति जताती है।