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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मगध महिला कॉलेज में 639 बेड के नये बालिका छात्रावास का शिलापट्ट अनावरण कर शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में मुझे शामिल होकर बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि आठ महीने पहले यहॉ एक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान इस कॉलेज से संबंधित कुछ समस्याओं को रखा गया था, जिसमें कुछ चीजों पर काम किया गया है। कॉलेज में प्रवेश के लिये सड़कों का निर्माण किया गया है। छात्रावास निर्माण का आज शिलान्यास किया गया है और कार्यारंभ भी हो रहा है। एक वर्ष के अंदर पूरी फर्निशिंग के साथ यह छात्रावास बनकर तैयार हो जायेगा और उसके साथ यहॉ की छात्रायें व्यवस्थित ढंग से रहकर अपना अध्ययन कर सकेंगी। हमलोगों ने अब यह नियम बना दिया है कि जो भी सरकारी भवन बनेंगे, उसकी फर्निशिंग का काम भी साथ-साथ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यक्रम में यह निर्णय हुआ था कि यहॉ के गोल्ड मेडलिस्ट छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा। हमलोगों ने निर्णय किया है कि राज्य में करीब 13 विश्वविद्यालय हैं और 30 छात्र करीब-करीब प्रत्येक विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल के लिये चयनित होते हैं राज्य के सभी स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार अपनी तरफ से 31 हजार रूपये की राशि देकर सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुरीतियाें के खिलाफ सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। समाज सुधार के लिये काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में बेटियों के तुलना में बेटों की चाहत ज्यादा होती है। हमलोगों को समाज में लड़कियों के प्रति सम्मान एवं चाहत का भाव पैदा करने के लिए कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की, जिसमें लड़की के जन्म लेने पर उनके माता-पिता के खाते में 2000 रुपए की राशि जमा हो जाएगी। एक साल के अंदर उसे आधार से लिंक करने पर 1000 रुपये, 2 साल के अंदर पूर्ण टीकाकरण करवाने पर 2000 रूपये उनके खाते में चले जायेंगे। अविवाहित इंटर पास लड़कियों को 10,000 रुपए और विवाहित हो या अविवाहित स्नातक पास लड़कियों को 25,000 रुपये की राशि राज्य सरकार मुहैया करा रही है। पोषाक राशि, साइकिल योजना की राशि, सेनेटरी नैपकीन की राशि भी बढ़ा दी गयी है। लड़की के पैदा होने से लेकर उसके ग्रेजुएट होने तक राज्य सरकार 54,100 रुपये की राशि खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नयन बॉका योजना की शुरूआत पूरे राज्य में 5 सितम्बर से कर दी गयी है। उन्नयन बॉका योजना पहले बॉका जिले में संचालित की गयी थी, इससे न सिर्फ छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी बल्कि तकनीक के माध्यम से उनमें शिक्षा की व्यावहारिक समझ बढ़ी है और वे बेहतर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। नई तकनीक के सहारे अब पूरे राज्य के छात्र तेजी से ज्ञान प्राप्त करेंगे और उनकी क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 का कुल बजट 2 लाख करोड़ रुपये से ऊपर का है, जिसमें 32,126 करोड़ रूपये राज्य की शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है यानि बजट की 20 प्रतिशत राशि शिक्षा पर खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नई शिक्षा नीति का दस्तावेज हमलोगों के पास विचार-विमर्श के लिये आया था। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संशोधन के तहत प्राथमिक शिक्षा से हॉयर सेकेंडरी एजुकेशन तक पंचायती राज व्यवस्था एवं नगर निकाय के अंतर्गत रखा गया है। हमलोगों ने अपने राज्य में इसे लागू किया है। राज्य सरकार का भी शिक्षा के संबंध में अपना अनुभव होता है। हम सबों ने इस पर विचार किया है। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार को और राशि खर्च करने के लिये मिलनी चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का मकसद है कि कॉलेज की क्षमता बढ़े और छात्र-छात्राएं वहॉ बेहतर ढंग से शिक्षा ग्रहण कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का ग्रॉस इनरॉलमें रेसियो (जीईआर) 13.9 प्रतिशत है और देश का 24 प्रतिशत है। हमलोग जीईआर को बढ़ाने के लिये काम कर रहे हैं। हमारे राज्य के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें, इसके लिये हमलोगाें ने राज्य शिक्षा वित्त निगम की मदद से 12वीं पास छात्र-छात्राओं के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना चलायी है। इसके तहत 4 लाख रुपए तक का ऋण छात्रों को 4 प्रतिशत और छात्राओं, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर मिल रहा है। इससे कई छात्र-छात्राएं लाभ उठा रहे हैं। अगर बेटे-बेटियों को रोजगार नहीं मिल पाता है और पैसे लौटाने में वे असमर्थ होंगे ताे ऋण माफ भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आईटीआई, जीएनएम संस्थान तथा प्रत्येक अनुमण्डल में आईटीआई एवं एएनएम संस्थान खाेले जा रहे हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। अगले सत्र से सभी जिलों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हाे जायेगी। उन्होंने कहा कि अब राज्य में 13 विश्वविद्यालय हैं, जिसमें से तीन, नये बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान एवं आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय भी बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मगध महिला कॉलेज के बगल में सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, सभ्यता द्वार एवं बापू सभागार है। हम चाहते हैं कि मगध महिला कॉलेज का स्ट्रक्चर और डिजाइन उससे मिलता जुलता बने ताकि यह भी दर्शनीय लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी छात्राओं ने पर्यावरण गीत की प्रस्तुति दी, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति सतर्कता बहुत जरूरी है। झारखण्ड से बॅटवारे के बाद राज्य का हरित आवरण 9 प्रतिशत था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन के तहत 19 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं। इसी वर्ष डेढ़ करोड़ पौधे लगाये गये हैं। राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत पहुॅच गया है और 17 प्रतिशत तक पहुॅचने के लिये काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते भूजल स्तर नीचे जा रहा है। कुछ दिन पूर्व सभी दलों के विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ इस पर गहन विचार-विमर्श किया गया और एक वृहद कार्ययोजना बनायी गयी है। 2 अक्टूबर से जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की जायेगी, इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों, नगर निकायों में इससे संबंधित कम से कम एक काम जरूर शुरू किये जायेंगे। जल-जीवन-हरियाली का तात्पर्य है जल है, हरियाली है, तभी मनुष्य हो या पशु-पक्षी, उनका जीवन है। उन्होंने कहा कि हर घर नल का जल पीने के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है। लोगों को इस बात के लिये सचेत करना होगा कि इसका दुरूपयोग न करें। इसके लिये हमारी छात्रायें अपने घर में एवं आसपास लोगों को प्रेरित करें उन्होंने कहा कि सभी सार्वजनिक कुओं एवं तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जायेगा। सार्वजनिक जगहों के चापाकल ठीक कराये जायेंगे। उन्हाेंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम किया जायेगा। इसके माध्यम से भूजल स्तर में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि हमलोग गंगा के पानी को गया तक पहुॅचाने के लिये काम कर रहे हैं ताकि पेयजल की समस्या का समाधान हो। यह भी जल-जीवन-हरियाली अभियान का एक हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि हर घर बिजली पहुॅच गयी है लेकिन सौर ऊर्जा के लिये काम किया जा रहा है क्योंकि यह अक्षय ऊर्जा है। सभी सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाये जायेंगे और इसकी शुरूआत मुख्यमंत्री आवास से की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने कहा था कि धरती आपकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है, लालच को नहीं। हम सभी को प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये काम करना चाहिये। स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिये। जल का दुरूपयोग रोकना होगा, तभी जल स्तर काे ठीक रखा जा सकेगा। नई पीढ़ी अगर इन सब चीजों के प्रति जागृत होगी तो धरती की रक्षा हो सकेगी। हमलोग पर्यावरण से संबंधित एक छोटी फिल्म बनाकर कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को दिखायेंगे ताकि पर्यावरण के प्रति उनमें सजगता आयेगी और वे लोगों को प्रेरित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली के लिये सबके सहयोग की जरूरत है। हमलोग काम में लगे हुये हैं और उसके प्रति जागरूक भी रहते हैं। बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। बिहार के उस गौरव की ऊॅचाई को प्राप्त करने के लिये हम सब मिलकर काम करें। समाज में प्रेम-शांति और भाईचारे के साथ मिल-जुलकर काम करें। हमलोग संकल्प लें, निश्चय करें कि फिर से उस गौरव को प्राप्त करने के लिए काम करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य प्रो शशि शर्मा ने अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं फूल का पौधा भेंटकर किया। मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने न्यूज बुलेटिन मीमांसा का विमाेचन किया। इस दौरान मगध महिला कॉलेज की छात्राओं ने कुल गीत, स्वागत गान एवं पर्यावरण गीत भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह, मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य प्रो शशि शर्मा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना के प्रबंध निदेशक संजय सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ रेखा कुमारी, साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो के सी सिन्हा, पटना विश्वविद्यालय के कुल सचिव कर्नल मनोज मिश्र, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, निदेशक सूचना एवं जन-सम्पर्क चन्द्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकवृंद, गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में छात्रायें उपस्थित थीं। कार्यक्रम के पश्चात राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट की आज की टिप्पणी पर पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इस पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को जो उचित लगे, वह निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र है।