बिहार डेस्कः ऑल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस पार्टी (एआईएचसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ वर्मा ने राज्य में बढ़ते अपराध पर गहरी चिंता व्यक्त किया है।वर्मा ने कहा कि सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे अपराधी बेखौफ होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं साथ ही नीतीश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को उनके अधिकारी ही धज्जियां उड़ाने से नहीं चूक रहे हैं । श्री वर्मा ने कहा कि नीतीश राज में डॉक्टर और जनप्रतिनिधि भी अब खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। राजधानी के चर्चित न्यूरो सर्जन एस एन रोहतगी से अपराधियों द्वारा चार करोड़ रुपए रंगदारी की मांग और राजद के राज्यसभा सदस्य डॉक्टर अहमद अशफाक को मिली जान से मारने की धमकी ने सुशासन के दावे को खोखला साबित करने का काम किया है। वही भोजपुर के बिहिया में जिस तरह से छात्र की हत्या के बाद शक के आधार पर डांसर को निर्वस्त्र कर आक्रोशित लोगों ने बाजार में घुमाया व पिटाई किया है उससे एक बार फिर लोगों में डर का माहौल उत्पन्न हो गया है। बताया जाता है कि अगर समय पर स्थानीय प्रशासन नहीं पहुंचती तो बिहिया में एक महिला की भीड़ द्वारा मार दिया जाता। श्री वर्मा ने कहा कि जब जब कोई बड़ी घटना होती है तो मात्र थाना स्तर पर ही कार्रवाई की जाती है, आखिर उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? एनजीओ मामले में भी यही दिखा, छोटे स्तर के विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी जबकि उच्च अधिकारी अभी भी खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने भी अपने बयान में यह जगजाहिर कर दिया है कि बड़े अधिकारियों की संलिप्तता के बिना मुजफ्फरपुर आश्रय गृह , आसरा होम जैसे कांड को अंजाम नहीं दिया जा सकता, बावजूद इसके नीतीश सरकार बड़े अधिकारियों पर कार्यवाही की बजाए उनके नेता सिर्फ बयानबाजी करने में व्यस्त हैं। वर्मा ने कहा कि वही भाजपा नेता इन मामलों पर कुछ बोलने के बजाए चिरनिद्रा में सोए हुए हैं आखिर वह कब अपना मुंह खोलेंगे? और इन मामलों पर कुछ बोलेंगे।