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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेता आज श्रीनगर जाने वाले हैं। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है कि प्रशासन ने विपक्षी दलों के नेताओं को श्रीनगर शहर एंट्री की इजाजत ना देने का फैसला किया है। इस सभी नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस भेजा जाएगा। बता दें कि इन नेताओं के दौरे की खबर आने के बाद ही प्रशासन से अपील की थी कि वो फिलहाल श्रीनगर का दौरा न करें।जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार सीमा पार से आने वाले आतंकवाद और आतंकियों के खतरे का सामना कर रही है, शरारती तत्वों, अलगाववादियों और बदमाशों का हौसला तोड़कर सामान्य स्थिति बहाल करने की कोशिश कर रही है, वरिष्ठ राजनेताओं को इस सामान्य स्थिति के होने में बाधा नहीं डालनी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर ने विपक्षी दलों के नेताओं से अपील करते हुए कहा था कि सरकार आग्रह करती है कि राजनेता सहयोग करें और श्रीनगर न आएं क्योंकि इससे यहां के आम लोगों को असुविधा होगी। इसके अलावा वो उन प्रतिबंधों का भी उल्लंघन करेंगे जो कि कुछ इलाकों में अभी भी जारी हैं। वरिष्ठ नेताओं को ये समझना चाहिए को शांति व्यवस्था बनाए रखने और नुकसान को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। दरअसल सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, भाकपा महासचिव डी राजा, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा सहित कई अन्य नेता कई श्रीनगर जाने वाले हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता दिया था जिसके बाद राहुल गांधी कल श्रीनगर जाने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले के बाद गुलाम नबी आजाद पहले भी दो बार कश्मीर जाने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन उन्हें जम्मू एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था और वापस दिल्ली भेज दिया गया था।