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उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, राज्यपाल फागू चौहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल हुये। इस अवसर पर साइंस कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम को उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, राज्यपाल फागू चैहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय शताब्दी वर्ष समारोह के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उप राष्ट्रपति जी का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूॅ। उन्होंने कहा कि साइंस कॉलेज के इसी कैंपस में दो वर्ष पहले पटना विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समारोह कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी आए थे। यह विश्वविद्यालय कोई साधारण विश्वविद्यालय नहीं है यह अपने समय का एशिया स्तर का बेहतरीन विश्वविद्यालय रहा है। इसकी स्थापना अंग्रेजों ने करवायी थी। इसका एक अपना इतिहास रहा है जिससे सभी वाकिफ हैं। केन्द्र सरकार इसे अगर अपना ले तो एशिया स्तर के इस विख्यात विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी तरफ से इस विश्वविद्यालय को विशिष्ट बनाये रखने के लिये धन आवंटन के साथ-साथ अन्य जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकालय के शताब्दी वर्ष पर उप राष्ट्रपति महोदय ने इस विशिष्ट पुस्तकालय का निरीक्षण भी किया है। इस पुस्तकालय की खासियत है कि यहाॅ तीन लाख से ज्यादा 33 विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। पाॅच हजार से ज्यादा धर्मग्रंथ, पांडुलिपियाॅ हैं। 27 प्रकार के बहुमूल्य रत्न हैं। 13 शताब्दी तक की जानकारियाॅ इनसे मिलती हैं। उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के बारे में इस विश्वविद्यालय के कुलपति एवं उप मुख्यमंत्री ने अन्य जानकारियाॅ भी दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकालय का संरक्षण पूरे तौर पर होना चाहिये। हमारी पुस्तकें सुरक्षित और संरक्षित रहेंगी तो नई पीढ़ी को इससे लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में पुस्तकालय विज्ञान की स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई होती है, इसमें आप सब पुस्तकालय में पुस्तकों की महता के बारे में छात्रों को बतायें। पुस्तकों के प्रति आकर्षण पैदा करने का भाव बनाये रखना है और नई पीढ़ी को इसके बारे में बताना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विष्वविद्यालय में अध्यापन को और बेहतर बनाने के लिये, राज्य में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिये हमलोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह धरती ज्ञान की भूमि है। आज के इस जगह यानी पाटलिपुत्र से एक समय पूरे देश की सत्ता का संचालन होता था। यहाॅ प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय रहा है। तेलहाड़ा विश्वविद्यालय की खुदाई हमलोग करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में दस हजार छात्र पढ़ते थे और एक हजार शिक्षक पढ़ाते थे। नालंदा विश्वविद्यालय से दो सौ गाॅव जुड़े हुये थे, उसमें से हमलोगों ने 125 गाॅवों की पहचान करवा ली है, जिसे इस विश्वविद्यालय से संबद्ध करना हमारा उद्देश्य है। नालंदा विश्वविद्यालय को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा दर 13.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिशत है। हमलोग राज्य में उच्च शिक्षा दर को 30 प्रतिशत तक ले जाने के लिये प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस ज्ञान की भूमि पर 1500 वर्ष पूर्व आर्यभट्ट ने एस्ट्रोनोमी के बारे में जानकारी दी। शून्य का आविष्कार किया। उनके नाम पर हमलोगों ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय बनाया। महान नीतिकार चाणक्य के नाम पर चाणक्य विधि विश्वविद्यालय, सम्राट चन्द्रगुप्त के नाम पर चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोग राज्य के पुराने इतिहास से प्रेरणा लेकर काम कर रहे हैं और उसको ध्यान में रखते हुये आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय की भूमिका छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्रें में भी रही है। उन्होंने कहा कि यहाॅ के छात्र पर्यावरण संरक्षण के लिये भी आगे आयें। हमलोग पर्यावरण संरक्षण के लिये काम कर रहे हैं। जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल है, हरियाली है तभी जीवन है। पर्यावरण के प्रति हमलोगों को जागरूक रहना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के साथ रहेंगे तो विकास का सही लाभ मिलेगा और राज्य तथा देश को आगे बढ़ाने में कामयाब होंगे।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुषील कुमार मोदी, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, प्रति कुलपति पटना विश्वविद्यालय प्रो डाॅली सिन्हा, चीफ पोस्ट मास्टर जेनरल बिहार एहसानुल हक, प्रो इंचार्ज पटना विश्वविद्यालय रविन्द्र प्रसाद, अन्य प्राचार्यगण, शिक्षकगण, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। कार्यक्रम के पूर्व पटना विश्वविद्यालय पुस्तकालय शताब्दी वर्ष समारोह के अवसर पर पुस्तकालय परिसर मेंं स्थापित षिलापट्ट का उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अनावरण किया। अनावरण के पश्चात उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पुस्तकालय में प्रदर्शित विभिन्न पुस्तकों, पांडुलिपियों का अवलोकन किया। इस मौके पर राज्यपाल फागु चैहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पुस्तकालय शताब्दी वर्ष के अवसर पर विशेष डाक आवरण जारी किया। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, राज्यपाल फागु चैहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित मंच पर विराजमान गणमान्य व्यक्तियों ने शताब्दी वर्ष पर प्रकाशित एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया। साथ ही सीनेट सदस्य डाॅ सुधाकर प्रसाद सिंह द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन एवं पटना विश्वविद्यालय का जर्नल भी रिलीज किया। इससे पूर्व आज उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के पटना हवाई अड्डा आगमन पर राज्यपाल फागु चैहान एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने उनकी अगवानी की एवं पुष्प-गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर बिहार मंत्रिमण्डल के मंत्रीगण, विधायकगण एवं वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।