बिहार ब्रेकिंग-सुमित कुमार-बेगूसराय
जीडी कॉलेज के छात्र छात्रा नृत्य कला संगीत पेंटिंग आदि क्षेत्रों में कॉलेज की गरिमा को पुनर्जीवित करने हेतु तत्पर हैं।
गणेशदत्त महाविद्यालय बेगूसराय के छात्र-छात्रा हर क्षेत्र में अग्रणी पायदान पर अपने हुनर के बूते रहते थे। महाविद्यालय के इतिहास का पन्ना इसका साक्षी है पर विगत कई वर्षों से कुछ क्षेत्र में यहां के छात्र छात्रा मानो जैसे विलुप्त हो गई थी। उस क्षेत्र में पुणः अपनी जमीन तलाशने के लिए फिर से यहां के छात्र छात्रा कमर कस चुके हैं। इसी कड़ी में नृत्य कला, स्पॉट पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग, कोलाज, कार्टूनिंग, क्ले मॉडलिंग, मेहंदी, रंगोली, स्पॉट फोटोग्राफी आदि में हो रहे हैं प्रशिक्षित।
महाविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद द्वारा आयोजित 15 दिवसीय कार्यशाला की फिजा बदली बदली सी दिख रही हैं। यह प्रतिभागी बच्चे नाटक, ललित कला, संगीत नृत्य जैसी विधाओं में अपने अपने को गढ़ने में लगे हैं। कभी रंगों के साथ खेलते हैं तो कभी कागज की कतरनों और कभी मिट्टी से नई नई आकृति गढ़ने को तैयार है। दूसरी तरफ संगीत में भी ये बच्चे लोकगीत, सुगम संगीत और देशभक्ति गीतों से अपने को साध रहे हैं। रोज ब रोज तकरीबन 60 की संख्या में छात्र-छात्राएं प्रशिक्षित हो रहे हैं।
सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रो कमलेश कुमार ने बताया कि महाविद्यालय की सांस्कृतिक विरासत जो रही है उसको अक्षुण्ण रखने में परिषद का बहुत बड़ा महत्व हैं। इनके प्रशिक्षक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से पास आउट गणेश गौरव, रामचंद्र ठाकुर, किशन कुमार, मनीष कुमार, सिम्मी, आनंद और अमृता भारती अपने प्रतिभागी बच्चों के साथ कदम और ताल पर ताल मिला रहे हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य है कि बातें केवल कागजों तक सीमित कर नहीं रह जाए बल्कि उन्हें मूर्त रूप देने की पहल हो। इसके साथ ही साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों के संवर्धन के लिए इस तरह के कार्यशालाओं की आवश्यकता महसूस की गई हैं। आने वाले समय में महाविद्यालय का यह प्रयास होगा कि बच्चों को समय-समय पर इस तरह की कार्यशाला से जोड़ा जा सके।