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आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को आज झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध राशि निकालने वाले मामले में जमानत दे दी। हालांकि लालू यादव अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे क्योंकि दुमका कोषागार और चाईबासा कोषागार मामले में वो सजायाफ्ता हैं और उसमें जमानत नहीं मिली है। देवघर कोषागार मामले में लालू यादव को 6 जनवरी 2018 को रांची की सीबीआई अदालत ने दस लाख रुपये के जुर्माने के साथ साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी। ये मामला देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपये की अवैध निकासी का था। फिलहाल लालू यादव रांची के रिम्स में इलाज करवा रहे हैं। बता दें कि दिसंबर 2017 से आरजेडी सुप्रीमो जेल में हैं।
किन-किन मामलों में सजा
चाईबासा कोषागार मामला- अक्टूबर 2013 में पांच साल की सजा
देवघर कोषागार मामला- जनवरी 2018 में साढ़े तीन साल की सजा
चाईबासा कोषागार मामला- जनवरी 2018 में पांच साल की सजा
दुमका कोषागार मामला- मार्च 2018 में 14 साल की सजा
चारा घोटाले का घटनाक्रम
चारा घोटाला जानवरों के चारा, दवाई और पशुपालन उपकरणों का घोटाला है। 900 करोड़ का चारा घोटाला साल 1996 में सामने आया था। इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा मुख्य आरोपी बने। 10 मई 1997 को सीबीआई ने राज्यपाल से लालू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। 23 जून 1997 को लालू और 55 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। 29 जुलाई 1997 को लालू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। 12 दिसंबर 1997 को लालू यादव रिहा हो गए लेकिन 28 अक्टूबर 1998 को लालू यादव को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। मार्च 2012 को सीबीआई ने पटना कोर्ट में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा सहित 32 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। 2013 में चारा घोटाले से जुड़े एक मामले चाईबासा केस में लालू को सजा मिली।