
. मौसम विभाग के बुधवार को मप्र में मानसून के दस्तक देने की घोषणा के बाद गुरुवार सुबह से शहर सहित प्रदेशभर के कई जिलों में झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश ने पूरे शहर को तरबतर कर दिया, जिससे ज्यादातर चौराहे पानी से लबालब हो गए। चार साल बाद मानसून प्रदेश में इतना लेट हुआ है। इससे पहले 2014 में मानसून जुलाई में पहुंचा था। बुधवार को सोनकच्छ में साढ़े चार इंच पानी बरसा। प्रदेश में अब तक 3.72 इंच बारिश होनी थी। अब तक केवल 3.38 इंच बारिश हुई है।अलसुबह से छाए काले बादल सुबह 8 बजे के करीब बरस पड़े। रिमझिम के साथ शुरू हुई बारिश आधे घंटे बाद झमाझम में बदल गई। बारिश के बाद सत्यसाईं, रसोमा, पाटनीपुरा, गीताभवन, विजयनगर, सायाजी, एमआर-9 सहित पूरा बीआरटीएस पानी-पानी हो गया।इंदौर में बगैर बरसे ही मानसून का आना मान लिया गया है। बूंदाबांदी हुई, लेकिन तेज पानी नहीं बरसा। वैसे 1 जून से अब तक चार इंच बारिश हो चुकी है। हालांकि देर रात शहर के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने दो-तीन दिन में जोरदार बारिश होने का अनुमान जताया है। इंदौर की जरूरत का अधिकांश पानी जुलाई में बरस जाता है।शहर में अब तक हुई बारिश से भले ही उमस कम नहीं हुई हो, लेकिन शहर के तालाबों में पानी आने लगा है। मात्र तीन फीट पानी वाले यशवंत सागर में अब 6 फीट पानी आ चुका है। तालाब की क्षमता 19 फीट है। इसी तरह बड़ा बिलावली तालाब की क्षमता 34 फीट है, उसमें 6.10 फीट पानी आ चुका है। इसी तरह छोटा बिलावली तालाब में 12 फीट की क्षमता में 1 फीट, बड़ा सिरपुर में 16 फीट की क्षमता में 6 फीट, छोटा सिरपुर में 6 फीट, पीपल्यापाला तालाब में 13 फीट की क्षमता में 6 फीट पानी आ चुका है।
