बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा-बाढ़
बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट बड़ी ठाकुड़वाड़ी से युवाओं ने बैंड बाजे के साथ भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली। जो पूरे नगर का भ्रमण करते हुए पुनः सीढ़ी घाट ठाकुड़वाड़ी मंदिर जाकर संध्या में भगवान जगन्नाथ की आरती के उपरांत पूजा अर्चना के बाद समाप्त हो गई। ऐसी भव्य रथयात्रा का आयोजन हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया में की जाती है तथा शुक्लपक्ष के ग्यारहवे दिन घर वापसी के साथ समाप्त होती है।
भव्य रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलराम एवं लाडली बहन सुभद्रा जी होते है। रथयात्रा के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचता है उसे फिर जन्म नहीं लेना पड़ता है यानि उसे इसी जन्म में मुक्ति मिल जाती है साथ सौ यज्ञ का फल और पुण्य की प्राप्ति होती है और इसी मान्यता के कारण रथ खींचने के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस मौके पर मंदिर के मुख्य पुजारी, साधु, महात्मा के साथ साथ शहर के सैंकड़ों युवा एवं गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।