न्यूज़ डेस्क-दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली के राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर पंचतत्व में विलीन हो गए। विदित हो कि पूर्व प्रधानमंत्री विगत कई महीनों से बीमार चल रहे थे और पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। मंगलवार को अचानक पूर्व प्रधानमंत्री की स्थिति बेहद नाजुक हो गयी थी जिसके बाद उन्हें एम्स में ही वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी स्थिति पर अनुभवी डॉक्टरों की टीम नजर रखी हुई थी। पूर्व प्रधानमंत्री की स्थिति नाजुक होने की खबर सुन कर देश भर में उनके स्वस्थ होने के लिए कामनाएं की जाने लगीं। उनको देखने के लिए एम्स में चाहने वालों का तांता लग गया। उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री समेत भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेता एम्स पहुंचने लगे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अंततोगत्वा अटल जी ने गुरुवार की शाम पांच बज कर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरा देश शोकाकुल हो गया। केंद्र सरकार समेत सभी राज्य सरकारों ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक एवं एक दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया। शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए भाजपा मुख्यालय पर रखा गया जहां से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। उनकी अंतिम यात्रा में देश के नेता-मंत्री एवं अन्य दिग्गज लोगों के अलावे उनके हजारों चाहने वाले पहुंचे। इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री की अंतिम यात्रा में नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान समेत कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी दिल्ली पहुंचे और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। आखिरकार अटल जी की अंतिम यात्रा राष्ट्रीय स्मृति स्थल पहुंची जहां तीनो सेना ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। गार्ड ऑफ हॉनर के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।