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जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या के मामले में पठानकोट कोर्ट ने दोषियों की सजा का एलान कर दिया है। तीन दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद और तीन दोषियों को 5 साल की सजा का एलान किया है। जिन तीन को उम्रकैद की सजा हुई है उनके नाम सांझीराम, प्रवेश कुमार और दीपक खजूरिया हैं। इसके अलावा आरोपी तीनों पुलिसवालों को 5 साल की सजा हुई हैं। इसके तहत तीन दोषियों आनंद दत्ता, तिलकराज और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को 5-5 साल की सजा का एलान हुआ है। वकील ने बताया कि तीनों आरोपियों को गैंगरेप के आरोपों में 25 साल कैद की भी सजा सुनाई गई है। सबूतों को नष्ट करने के लिए पुलिस उपनिरीक्षक आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेन्दर वर्मा को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्रकैद की सजा के साथ हत्या के लिए हरेक पर एक एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं सुरेंद्र कुमार, आनंद दत्ता और तिलकराज को 5 साल की सज़ा के साथ 50 हज़ार जुर्माना भी लगाया गया है। एक आरोपी बरी किया गया है। इस मामले में एक ग्राम प्रधान समेत आठ आरोपी थे, जबकि किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। इससे पहले 7 आरोपियों के खिलाफ आज पठानकोट कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसमें में 6 को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने आरोपी ग्राम प्रधान सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया।
वकीलों ने बताया कि जिस जगह अपराध हुआ, उस मंदिर की देखभाल करने वाले सांझीराम, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और आम नागरिक प्रवेश कुमार को रणबीर दंड संहिता की आपराधिक षड्यंत्र, हत्या, सामूहिक बलात्कार और सबूत नष्ट करने संबंधी धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। दो पुलिस अधिकारियों – उपनिरीक्षक आनंद दत्ता और हेड कॉन्स्टेबल तिलकराज- और एक विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को सबूत नष्ट करने का दोषी करार दिया गया है। अदालत में मृतका के परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले फारूकी खान ने बताया कि मुख्य आरोपी सांझीराम के बेटे और सातवें आरोपी विशाल को ‘संदेह का लाभ’ देते हुए बरी कर दिया गया है। मामले की अभियोजन टीम में जे के चोपड़ा, एस एस बसरा और हरमिंदर सिंह शामिल हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि वे फैसले का अध्ययन करेंगे और बरी किए गए सातवें आरोपी के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
इस घटना के बाद देश में आक्रोश पैदा हो गया था और जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने एक नाबालिग समेत आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जिले की अदालत और पठानकोट की सत्र अदालत में इसकी सुनवाई रोजाना चली थी। जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले हफ्ते में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर किए जाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश उस समय दिया था जब देश को हिलाकर रख देने वाले इस मामले में कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को चार्जशीट दाखिल करने से रोक दिया था।