बिहार डेस्कः मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर हो या पटना स्थित आसरा होम कांड की आरोपी मनीषा दयाल हो। दोनों की कहानी तकरीबन एक सी है। इन दोनों ने शर्म की कब्र पर अपना साम्राज्य खड़ा किया। सियासत के गलियारों में पैठ बनाकर अपना रसूख बनाया और सत्ता की चौखट चूमने की खूब कीमत वसूली। इन दो चेहरों न सिर्फ घिनौनी घटनाओं को अंजाम दिया बल्कि जिस पेशे के सहारे अपने कुकृत्यों को अंजाम देते रहे उससे उस पेशे जुड़े दूसरे अच्छे लोग भी शर्मशार हैं। पहली कहानी मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की है। पत्रकारिता और स्वयंसेवी संस्थाओं की आड़ में उसने सत्ता के गलियारें में अपनी पहुंच बढ़ायी। अपने अखबार को ढाल बनाया उसका इस्तेमाल किया या यूं कहें कि आवाम के सरोकारों के लिए इस्तेमाल होने वाली पत्रकारिता और अपने अखबार रूपी हथियार का समपर्ण कर दिया सियासत के रसूखदारों के आगे। बेहद कम सर्कुलेशन वाले अखबार को लाखों करोड़ो के विज्ञापन मिले, एनजीओ के नाम पर फर्जीवाड़े से भी ब्रजेश ठाकुर ने चांदी काटी। कहते हैं लालच जब अपनी पराकाष्ठा को पार कर जाता है तब वो बेहद बड़े अपराध की ओर बढ़ता है। ब्रजेश ठाकुर के अखबार को मिला लाखो करोड़ो का विज्ञापन और एनजीओ के नाम पर लाखों की कमाई यो दोनो फर्जीवाड़ा हीं थे क्योंकि यह कमाई कुछ भ्रष्टों के आपसी सांठ-गाठ से उपजती थी। ब्रजेश ने अपराध की सारी हदें लांघ दी, घिनौनेपन की हद भी वो पार कर गया और जैसा कि उसपर आरोप है शेल्टर होम में रहने वाली बेसहारा, मासूम नाबालिगों की तकदीर में यौन-शोषण का रोज होने वाला घिनौना खेल लिख दिया। मामला गंभीर इसलिए है क्योंकि कई रसूखदार लोगों के नाम भी सामने आए। पति पर आरोप लगने के बाद बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा। इसे भी ब्रजेश ठाकुर के रसूख का हीं असर समझा गया कि मंजू वर्मा का इस्तीफा इतनी देर से हुआ। जाहिर है ब्रजेश ने सत्ता के गलियारों में पहुंच, अथाह संपति का सम्राज्य और रसूखदार लोगों का संरक्षण सबकुछ हासिल किया था। इन चीजों को हासिल करने के लिए उसने पत्रकारिता की नैतिक शिक्षा उसके संस्कार और उसकी मर्यादा को गिरवी रख दिया, स्वयंसेवी संस्थाओं के कर्तव्यों उसके मूल्यों और उसके प्रति आम लोगों के भरोसे को बेच दिया। अपनी शर्म बेच दी और पूरे सूबे को शर्मसार किया। दूसरी कहानी मनीषा दयाल की है। पटना के एसकेपुरी थाना क्षेत्र में रहने वाली मनीषा का नाम पटना स्थित एक आसरा होम से जुड़ा है जहां दो बच्चियों की मौत हो गयी। मौत के बाद यह सामने आया की आसरा होम की संचालिका मनीषा दयाल और उसके सहयोगी चिरंजन बच्चिं की मौत पर परदा डालना चाहते थे। कोशिश थी की मौत की यह कहानी बाहर नहीं जाए और उनका दुर्भाग्य देखिए कि यह कहानी बाहर आ गयी और मुजफ्फरपुर के बाद पटना में एक बड़े खेल का खुलासा हो गया। समाजसेवी संस्था में मामूली कर्मी के तौर पर काम शुरू करने वाली मनीषा दयाल एकाएक रसूखदार महिला बन गयी। सेलिब्रिटी बन गयी। कई महफिलों की शान बनने लगी और इस शान-ए-महफिल में कई सियासतदान शिकरत करने लगे। रसूखदारों का जुटान मनीषा की महफिल की पहचान गयी और खुद मनीषा रसूख की पहचान बन गयी। सत्ता के गलियारों में पैठ बढ़ी तो रसूख बढ़ा और रसूख बड़ा तो साम्राज्य बढ़ता गया। महफिलों की रोशनाई बढ़ती गयी और उसमें शिरकत करने वाले लोगों की तादाद भी।सोशल मीडिया पर फिल्मी सेलिब्रिटी की तरह दिखने वाली एनजीओ संचालक मनीषा दयाल पहली बार कानूनी दांव-पेच में फंस गयी हैं. आसरा होम में हुई पूनम और बबली की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या और धोखाधड़ी के आरोपों की तो जांच हो रही है, साथ में यह भी खंगाला जा रहा है कि उनके हाईप्रोफाइल लाइफ के पीछे का बुनियादी सच क्या है? सोर्स ऑफ इनकम, फ्लैट, प्रोपर्टी, बैंक-बैलेंस, लक्जरी गाड़ी कब और कैसे आया, इसकी जांच हो रही है.बड़ा सवाल यह है कि क्या ’पॉलिटिकल पावर’ सेंटरों से मिली ताकत ने मनीषा दयाल को हाईप्रोफाइल बना दिया है. उनका कितना बैंक एकाउंट है, एनजीओ से जुड़ने के बाद उन्होंने कितनी प्रोपर्टी बनायी है, इसकी पड़ताल शुरू हो गयी है. सियासत की गलियारों से लेकर अन्य वीआईपी सर्किल में गहरी पैठ रखने वाली मनीषा दयाल बिहार के बड़े राजनेता की दूर की रिश्तेदार भी हैं. इसके अलावा मुजफ्फरपुर कांड आरोपित ब्रजेश ठाकुर से भी अच्छे संबंध रहे हैं. फिलहाल तीन दिनों का रिमांड मिल गया है. मनीषा दयाल और चिरंतन से पूछताछ हो रही है. तकरीबन एक हीं सी कहानी है मनीषा दयाल और ब्रजेश ठाकुर की। इन दोनों ने पहले सियासत के गलियारों तक अपनी पहुंच बनायी, रसूखदारों का संरक्षण हासिल किया, सफेदपोशों की जमात में खुद को शामिल किया और फिर अपना खेल शुरू किया। रसूखदारों से मिला इन्हें संरक्षण इन्हें इस बेपरवाही की इजाजत देता था कि इनका खेल आराम से चलता रहेगा और कोई इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा लेकिन विडम्बना देखिए कि इनकी बेपरवाही भी हद लांघ गयी और इनका सारा खेल सामने आ गया।