आज सोमवारी को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। बाढ़ के कई मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। सोमवारी को लेकर श्रद्धालु सुबह से ही पूजा-अर्चना में लग गए।शिवालय को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया। मंदिर का पट सुबह 5 बजे से ही खुल गया। श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब।ज्योतिषाचार्य के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त करने के लिए सबसे पहले सोमवारी व्रत किया था। सोमवारी व्रत शिव जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्त्रियां अपने पति एवं संतान की लंबी आयु के लिए सुख समृद्धि के लिए यह व्रत करती है। पुरुष भी इस व्रत को सुख समृद्धि एवं प्रतिष्ठा के लिए करते हैं।बाढ़ में उत्तरवाहिनी गंगा पर स्थित उमानाथ में शिवालय पर जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी संख्या में उमड़ी भीड़। उत्तरवाहिनी गंगा हिंदू धर्म में विशेष महत्व है उमानाथ को बाढ़ की काशी के नाम से भी जाना जाता है।यहां से पर दूर-दूर से लोग आकर शिवालय पर जल चढ़ाते हैं।यहां पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व है।उमानाथ में भीड़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी।वही बाढ के अन्य घाट अलखनाथ और सीढ़ी घाट पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई।वह भी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आए और वहां पर स्थित शिवालय पर जल अर्पित किए।आज गंगा घाटों पर स्थित शिवालय पर बेल पत्थर फूल और पूजा सामग्री को लेकर काफी दुकान लगाई गई।व्यवसायिक दृष्टि से देखा जाए तो कई लोगों को आज आमदनी का भी जरिया बन गया।