बिहार डेस्कः जीतनराम मांझी पूर्व मुख्यमंत्री सह राष्ट्रीय अध्यक्ष हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा(से०)ने रामविलास पासवान केंद्रीय मंत्री पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम बनने का श्रेय लेने पर करारा प्रहार किया है। पटना स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिनांक 2 अप्रैल2018 को जब पूरा देश मे दलित समाज आन्दोलन कर रहा तो रामविलास पासवान कह रहे थे कि यह कार्य कुछ सिर फिरे और गुण्डों लोगों के द्वारा किया जा रहा है। उस आंदोलन का फलाफल है ,यह अधिनियम, फिर भी एक फंसा रह गया क्योंकि इस अधिनियम को संविधान की 9 वीं सूची मे नहीं डाला गया है।हिन्दूस्तानी अवाम मोर्चा पुनः इसके लिए चरणबद्ध आन्दोलन करेगा। जीतन राम माँझी ने कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर जैसी घटनाओं की भनक उन्हें मिल रही थी, जिसको लेकर उन्होंने कार्रवाई करने का मन बनाया था द्य लेकिन आनन फ़ानन में अपने कुकर्मों को छुपाने के लिए नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से ही हटा दिया। जिसका नतीजा हुआ कि राज्य में 7 साल से लेकर साल की बच्चियों के साथ बलात्कार पर बलात्कार होता रहा और बलात्कारियों को सरकार से पैसा मिलता रहा। इसलिए उन्होंने मांग की है कि मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अविलंब अपने पद से इस्तीफ़ा दें और बिहार की जनता से अपने कुकर्मों के लिए माफ़ी माँगे। अगर उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा नहीं दिया तो एक रणनीति के तहत हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (से0) के कार्यकर्ता उनकी हर कार्यक्रम में उनका विरोध करेंगे।
उन्हांने कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्यागपत्र देकर मुझे मुख्यमंत्री बनाया था, तो हमने जनता के हित को ध्यान में रखकर काम करना शुरू किया, जिसका नतीजा हुआ कि हमने बहुत सारी योजनाओं को पास किया, जिसका लाभ आज सरकारी कर्मचारी से लेकर आम जनों को मिल रहा है। वह नीतीश कुमार जी को नागवार गुजरा और वहीं से हमें हटाने की तैयारी शुरू हो गई। लेकिन हमने अगर कुर्सी का महत्व दिया होता तो मेरी सरकार निश्चित तौर पर अपनी कार्यकाल को पूरा करती। लेकिन हमने जनता के हितों को देखते हुए काम करने का मन बना लिया था, इसलिए हमने अपने लिए गए निर्णयों को लेकर उनसे समझौता नहीं किया। अगर हमें अपने कार्यकाल को पूरा करने का मौका मिलता, तो मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि आज बिहार की यह दुर्दशा नहीं होती। हमने सभी वर्गों को ध्यान में रखकर चाहे वह सरकारी कर्मचारी व पत्रकार हो आज उनकी स्थिति पहले से बेहतर होती। यदि हमारी सरकार कुछ दिन और रह जाती। हमने जनता के हितों को देखते हुए 34 निर्णय लिए थे,हमारी सरकार रहती तो उसे जरूर लागू करती।
माँझी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के दलित प्रेम को भी नौटंकी क़रार दिया और कहा कि जब पूरे देश के दलित एसीएसटी एक्ट को लेकर सड़कों पर थे , उस समय तो उनका दलित प्रेम कहीं दिखाई नहीं दे रहा था। जब पूरे देश के अनुसूचित जाति जनजाति के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे द्य उसी दिन उनका असली चेहरा लोगों के सामने आ चुका है कि उनके दिल में दलितों के प्रति कितना प्यार है। आज सिर्फ अपना चेहरा एनडीए में चमकाने के लिए वह नौटंकी कर रहे हैं। जिससे कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एनडीए से ज्यादा से ज्यादा सीटों को लेकर बार्गेनिंग कर सकें। हम पूछना चाहते हैं जब अनुसूचित जाति जनजाति के लोग इस बड़े मुद्दे पर पूरे देश में एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे थे उन प्रदर्शनकारियों को राम विलास पासवान और उनके पुत्र चिराग पासवान उपद्रवी तत्व बता रहे थे। यह कैसा दलित प्रेम है यह अपने आप में बड़ा सवाल है। माँझी ने कहा कि सही मायने में अगर केंद्र सरकार देश में दलित हित की बात करती है तो एससीएसटी को 9 अनुसूची में शामिल कराना होगा। जिससे उन्हें विशेष सुरक्षा मिल पाए।
संवाददाता सम्मेलन में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से0) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री वृषिण पटेल, विधान पार्षद संतोष कुमार सुमन, राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान, अनुसूचित जाति जन जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी एल वैश्यन्त्री, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अनामिका पासवान, प्रवक्ता विजय यादव, मसूद रजा सुभाष चन्द्रवंशी, राजीव नयन बलमा बिहारी राजेश गुप्ता, अनिता चौधरी आदि नेता मौजूद थ।