आचार्य सुदर्शन महाराज ने बताया, समाज मे फैल रहे कुरीतियों पर अंकुश लगाने हेतु अध्यात्म से जुड़ना और भक्ति श्रवण करना जरूरी।
राजा गुप्ता बासोपट्टी
समाज मे फैल रही कुरीतियों के कारण आज परिवार में बुजुर्गों की उपेक्षा हो रही है। जिसके कारण नए वृद्धाश्रमों का निर्माण हो रहा है। जो सामाजिक पतन का संकेत है। यह बातें आचार्य सुदर्शन जी महाराज ने मधुबनी के बासोपट्टी में कही। उन्होंने बाल विवाह व दहेज प्रथा के बारे में चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि शादी विवाह को खरीद बिक्री नही बनाना चाहिए। परिवार में एक दूसरे से प्रेम हो, पति पत्नी के बीच हास परिहास हो। जंहा प्रेम होती है, वंही परमात्मा प्रकट होती है।
उन्होंने नरार गॉव में आयोजित तीन दिवसीय कथा प्रवचन के अंतिम दिन भगवान राम व जानकी के विवाह की विशेषता की चर्चा करते हुए कहा कि मिथिला के पावन धाम में भगवान राम दूल्हा बनकर पधारे है। सखियां सुन्दरता को देखकर सुध बुध खो बैठती है। सोने की थाल से आरती उतारी जा रही है। सभी सखियां मंगल गान गाती है। आजू मिथिला नगरिया नेहाल सखियां भजन गीतों पर श्रोताओं ने खूब नाचे है। आचार्य जी ने कहा कि विवाह गीत भारत की परंपरा के अनुरूप गाये जाते है। इसे मंगल गीत भी कहा जाता है। विवाह गीतों में मिथिलांचल की परंपरा की अपनी महक और खुशबू है। मिथिला के विवाह गीतों में अद्भुत सुंदरता है। संगीतमय राम कथा के मंच से विवाह भजन गीत शुरु होते ही श्रोता अपने को झूमने नाचने से रोक नही पाए।श्रोता घँटों तक राम कथा सरोवर में गोते लगाते रहे।कथा में फूलों की वर्षा होती रही।पूरा पंडाल में अद्भुत मनोहारी दृश्य देखते ही बन रहा था। कार्यक्रम में राम एकवाल पासवान, भोला पासवान, मिथिलेश पासवान, राजाराम पासवान, मुखिया बैद्यनाथ सिंह, सुधीर सिंह, सुनील कुमार सिंह, सुशील सुदामा, अमरेंद्र प्रसाद सिंह, रंजीत राय, बिरेन्द्र कुमार, बिरेन्द्र यादव, योगेंद्र दत्त सिंह सहित दर्जनों सामाजिक लोगो ने भाग लिया।