बिहार ब्रेकिंग-राजकुमार झा-सुपौल
रंगों का त्योहार होली गुरुवार को छातापुर प्रखंड क्षेत्र में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गिले-शिकवे भुलाकर लोगों ने एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। इस पर्व को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में उत्साह और उमंग देखा गया। सभी लोगों ने बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया। होली पर जहां सभी गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे को होली की मुबारकबाद देते नजर आए वहीं बड़ों का आशीर्वाद भी लेते दिखाई दिए। इस दिन गुलाल और पानी के रंगों से उत्सव मनाया जाता है। होली रंगों और मस्ती के इस त्योहार का अपना एक धार्मिक और सामाजिक महत्व है। होली रंगों के साथ एकता, सद्भावना और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। कुछ वृद्ध व्यक्ति से जब होली के बारे में पूछा गया तो वह बताएं प्रकृति की भांति विभिन्न रंग हमारी अनुभूतियों और भावनाओं से जुड़े हैं।
प्रत्येक व्यक्ति एक रंगों के फव्वारे के समान है, जो बदलते रहते हैं। आपकी इच्छाएं आग की भांति आपको जलाती हैं। परंतु अगर जीवन होली के समान हो, जहां आप हर रंग को स्पष्ट रूप से देख पाएं तो वे आपके जीवन में आकर्षण लाते हैं। विविधता में सामंजस्य होने से जीवन और जीवंत, आनंद से भरपूर व और भी रंगीन हो जाता है। होली का त्योहार भारतीय जनमानस की सामूहिक चेतना का सांस्कृतिक पर्यायवाची है। यह हमारी सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का पावन प्रतीक है, वह मनुष्य की उत्सवधार्मिता का सर्वोच्च रूप, इसके साथ ही होली बुराइयों से परे प्रेम व राग का संदेश भी लेकर आती है। इस मौके पर छातापुर मुखिया प्रतिनिधि संजीव कुमार भगत, रामटहल भगत, गौरीशंकर भगत, केशव कुमार साह “गुड्डू” कृष्णा मिश्रा उर्फ कन्हैया, आरके राजा सिंह बब्बू, मकसूद मसन, मो जहांगीर आलम, संजीव पासवान, हेमेंद्र मंडल आदि ने महापर्व होली पर खुशी व्यक्त किया ।