बिहार डेस्कः आॅल इंडिया हिन्दुस्तान कांग्रेस पार्टी (एआईएचसीपी) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सौरभ वर्मा ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि बिहार में की गई पूर्ण शराबबंदी से जहां विश्व भर में सकारात्मक संदेश गया, वही मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड ने बिहार के सकारात्मक को नकारात्मक संदेश में तब्दील करने का काम किया है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मुजफ्फरपुर कांड की चर्चा हो रही है। जो बिहार के सुशासन सरकार पर काला धब्बा है । श्री वर्मा ने कहा कि जब बिहार सरकार की भद पिट गई तो आनन फानन में समाज कल्याण विभाग की पूर्व मंत्री श्रीमती मंजू वर्मा ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपकर मामले को ठंडा करने का असफल प्रयास किया है । श्री वर्मा ने कहा कि सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार अपराध रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुई है । कोई ऐसा दिन नहीं गुजर रहा कि बिहार में हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, छिनतई जैसी अपराधिक घटनाएं नहीं घट रही हो। वही जदयू के नेता नीतीश सरकार की विफलता को छुपाने और मामले को दूसरी दिशा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। श्री वर्मा ने कहा कि बिहार में सुशासन के नाम पर नीतीश सरकार सत्ता में आई थी परंतु बिहार में सुशासन ने अब कुशासन का रूप ले लिया है। इसे देखते हुए जिस तरीके से नीतीश सरकार के मंत्री श्री मंजू वर्मा ने नैतिकता को लेकर अपना इस्तीफा दिया है । उसी तरह मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को भी अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री वर्मा ने कहा कि सरकार के आंखों के सामने जिस तरह से बालिकाओं के साथ घिनौना कृत्य को अंजाम दिया गया है जिससे बिहार पूरी तरह शर्मसार हो चुका है। वर्मा ने आगे कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार वृहद पैमाने पर अभियान चला रही है। परंतु उत्तर प्रदेश की देवरिया और मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड ने पूरे अभियान पर सवाल खड़ा कर दिया है कि जहां सरकार बेटियों के प्रति गंभीर है। वही दूसरी ओर सरकार के नुमाइंदे ही बेटियों की अस्मत लूटने को बेताब हैं। जिससे उक्त अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है।