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जम्मू कश्मीर में बीते दिन आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बिहार के बेगूसराय का एक लाल शहीद हो गया। जवान के शहादत की खबर सुन उसके घर और गांव समेत पुरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं जवान की शहादत की खबर सुनते ही लोगों का हुजूम शहीद जवान के घर पर जुटने लगा है। वहीं शहादत की खबर से जहां परिजनों का रो-रो कर हाल बुरा है वहीं उसकी शहादत पर गर्व भी है। बेगूसराय के बखरी थानाक्षेत्र के ध्यानचक टोला निवासी स्व. चक्रधर प्रसाद सिंह के पांच पुत्रों में एक पिंटू सिंह वर्ष 2009 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। पिंटू सिंह की शादी हो चुकी थी और उसकी एक पांच वर्ष की बेटी है। जवान के शहीद होने की खबर सुन कर जहां इलाके के लोगों में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश और अधिक हो गया है वहीँ उनकी आँखे भी नम हैं। जवान के शहादत के बाद सैकड़ों लोगों ने तिरंगा के साथ उनके गांव में आक्रोश मार्च निकाला और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की। पिंटू सिंह की शहादत पर उनके भाई मिथिलेश कुमार ने कहा कि कौन चाहता है कि उसके परिवार का कोई भी सदस्य उनके बीच न रहे। हमें इस बात का तो दुःख जरुर है कि हमारा भाई अब हमारे बीच नहीं रहा लेकिन इस बात का गर्व भी है कि वह देश के लिए वीरता प्राप्त किया है। अगर जरूरत पड़े तो देश के लिए हम भी बलिदान देने को तैयार हैं और प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि हमारे जवानों के इस बलिदान का बदला पाकिस्तान से अवश्य लें।
उनकी गर्भवती पत्नी अंजू देवी बताती है कि जब वह जम्मू-कश्मीर से कुपवाडा जिला में आतंकियों से लोहा लेने के लिए गाड़ी से रास्ते में जा रहे थे। उन्होंने फोन पर पत्नी से बात की थी, परंतु रास्ते में नेटवर्क खराब रहने के कारण पत्नी से पूरी बातें नहीं हो पा रही थी, तब उन्होंने कहा था कि कश्मीर पहुंचकर तुमसे मैं बात करूंगा। शायद यह शहीद जावाज जवान पिन्टू का आखरी ही फोन थी। रोती बिलखती उनकी पत्नी अंजू देवी ने यह बतायी कि मुझको यह मलाल रह गया कि वह आने वाले बच्चों का मुँह भी नहीं देख सके। वह कहती हैं कि आखिर हम लोगों से क्या गलती हो गई, जो भगवान ने हमें यह दिन दिखाया हे। उनके बड़े अपने भाई भरत सामान जैसे भाई को खोने का दर्द शहीद जवान के बड़े भाई अमरेश सिंह के चेहरे पर साफ देखने से यह झलक रहा था। शहीद पिंटू के भाई यह कहते हैं कि प्रारंभ से ही उसमें अपने देश के प्रति कुछ करने की तमन्ना थी। उन्होंने बताया कि हमारे भाई को एक 5 वर्ष की बेटी आरोही सिंह है। जिसे पढ़ाने लिखाने के लिए उसने मुजफ्फरपुर शहर में रखा था। इसके बाद तो उनका फोन ही नहीं आया ।परंतु उनके घर पर उनके बड़े भाई के फोन पर शुक्रवार की शाम में एक मनहूस खबर आ गई। वहीं पड़ोसियों ने भी कहा कि हमें गर्व है कि हम देश के लिए शहीद जवान पिंटू सिंह के पड़ोसी हैं। वह देश के लिए शहीद हुआ है। शहादत की जानकारी के बाद बेगूसराय एसपी अवकाश कुमार भी तुरंत दल-बल के साथ शहीद के घर पहुँच कर परिजनों से मिल कर उन्हें ढाढस बंधाया। वहीं जवान के शहादत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परिजनों को राज्य सरकार के तरफ हरसंभव सहायता मुहैया करने की बात कही है।