बिहार डेस्कः राजधानी पटना में स्थित बिहार के दो महत्वूपर्ण अस्पताल जहां बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। खासकर गरीब मरीजों के लिए ये दो अस्पताल आरोग्य की बड़ी उम्मीद हैं लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने यहां आने वाले मरीजों को परेशान कर रखा है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से बेहतर इलाज की आस में यहां आए मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। नएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने को लेकर बुधवार की देर शाम अस्पताल प्रशासन व जेडीए के बीच हुई वार्ता विफल रही। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की घोषणा कर दी। वहीं, इनके समर्थन में पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने भी गुरुवार सुबह 7 बजे से इमरजेंसी और ओपीडी में कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया।एनएमसीएच में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट की घटना के बाद सुरक्षा की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टर मंगलवार शाम से ही हड़ताल पर हैं। इस कारण अस्पताल में 18 ऑपरेशन टल गए हैं। इनके समर्थन में पीएमसीएच जेडीए ने भी सुरक्षा की मांग करते हुए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। समय सीमा के समाप्त हो जाने के बाद पीएमसीएच जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने कहा कि गुरुवार सुबह 7 बजे से जूनियर डॉक्टर काम नहीं करेंगे। मारपीट के दोषियों की गिरफ्तारी और डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने के बाद ही जूनियर डॉक्टर काम पर लौटेंगे।