बिहार डेस्कः 14 अगस्त को मां जानकी सेना के तत्वावधान में अखंड भारत दिवस कार्यक्रम आयोजित है। इस कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, बिहार सरकार के पथ निमार्ण मंत्री नंदकिशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय, सचेतक अरूण सिन्हा, नागेन्द्र कुमार, डॉ. संजीव चौरसिया, नितीन नवीन, सुरज नंदन कुशवाहा, संघ प्रांत प्रचारक रामकुमार जी सहित कई लोग हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सह जानकी सेना के मुख्य संरक्षक मृत्युंजय झा ने कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन वो आखिरी दिन था जब हमारा भारत अखंड था। इसी दिन भारत को दो देशों में बांट दिया गया था। और आज तीन देशों में दिखायी दे रहा है। 14 अगस्त के ही के दिन भारत माता का विभाजन भी हुआ था।आज भी अधिकांश युवाओं को अखंड भारत के स्वरूप व विशेषताओं के इतिहास का पता ही नहीं है। उनमें इसके प्रति जागरूकता एवं राष्ट्रीय चेतना पैदा करने का हमें पूरा प्रयास करना चाहिए।ताकि वो भी अपनी महान गौरवशाली परंपरा और संस्कृति को जानकर उस पर गर्व कर सकें। कौन-कौन से कारण रहे भारत के खण्ड-खण्ड होने के। एक बहुत महत्वपूर्ण कारण रहा जो आज भी विदेशी हमारे खिलाफ अपनाते रहते हैं वह है फूट डालो और राज करो। 1947 का विभाजन पहला और अंतिम विभाजन नहीं था। भारत की सीमाओं का बँटना उसके बहुत पहले से ही शुरू हो चुका था..।अखंड भारत की सीमा में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, इंडोनेशिया, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, जावा, सुमात्रा, मालदीव और अन्य कई छोटे-बड़े क्षेत्र हुआ करते थे। हालांकि सभी क्षेत्र के राजा अलग अलग होते थे लेकिन कहलाते थे सभी ““भारतीय जनपद““ ….जानकी सेना के द्धारा अखंड भारत की संकल्पना एक विचार नहीं हम सभी का महासंकल्प है और सभी राष्ट्रवादी ये जानते है की संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता उसे हर क़ुर्बानी देकर पूरा करना होता है।