इस सहयोग के द्वारा, अमेज़न और खादी बोर्ड का लक्ष्य देश भर में ऑनलाइन ग्राहकों तक पहुँचकर हज़ारों बुनकर परिवारों को सक्षम बनाना है
बिहार ब्रेकिंग
भारत में खरीदने और बेचने के तरीके में बदलाव लाने के अपने विजन के अनुरूप, बिहार सरकार के उपक्रम बिहार खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने आज अमेज़न इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते के अनुसार अमेज़न इंडिया ग्रामीण खादी बुनकरों को उनके उत्पाद सीधे देश भर में फैले अमेज़न के ग्राहकों को बेचने की सुविधा प्रदान करेगा। ऑनलाइन पोर्टफोलियो में साड़ी, शर्ट, पुरुषों के कुर्ते, स्त्रियों की कुर्ती एवं शहरी क्षेत्रों में भारी संभावना और मांग वाले अन्य सामान होंगे। लोगों में प्राकृतिक और पर्यावरण हितैषी उत्पादों के प्रति बढ़ते आकर्षण के कारण आर्गेनिक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। इस साझेदारी के माध्यम से बिहार खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और अमेज़न इंडिया का इरादा ग्रामीण बुनकरों को सशक्त बनाना और उनके लिए आजीविका के अवसर तथा अतिरिक्त आमदनी पैदा करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है। बुनकर समुदाय की डिजिटल कनेक्टिविटी को सहारा देते हुए, इस सहयोग से उन्हें भारत की फल-फूल रही डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहभागी बनने और उससे लाभ उठाने में मदद मिलेगी। उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के विकल्प से बिहार खादी बोर्ड से सम्बद्ध इन खादी बुनकरों को अपनी पहुँच बढ़ाने, अपने विशिष्ट उत्पादों के लिए उचित कीमत पाने की शक्ति हासिल होगी और बदले में उनका समग्र जीवन स्तर उन्नत होगा।
इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बिहार सरकार के माननीय उद्योग मंत्री, जय कुमार सिंह ने कहा कि, “पिछले कुछ वर्षों से ग्राहकों के बीच खादी की स्वीकृति में एक नई लहर देखी जा रही है। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड पिछले 5 दशकों से राज्य में ग्रामीण आबादी को उनके दरवाजे पर रोजगार मुहैया करके सपोर्ट कर रहा है। पूरे राज्य में हम 83 खादी समितियों की सहायता कर रहे हैं और इस माध्यम से राज्य में लाखों परिवार को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। अमेज़न इंडिया के साथ इस साझेदारी से इन कारीगरों को उनकी डिजिटल यात्रा में आगे और मदद मिलेगी और इस व्यावसायिक क्षेत्र के लिए उनकी पहुँच और रोजगार का विस्तार होगा।” उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) इंडिया एलएलपी, जो अभी बिहार में केवीआइबी के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी (पीएमए) के रूप में कार्यरत है, खादी बोर्ड को अमेज़न इंडिया के साथ जुड़ने में सहयोग कर रहा है। जीटी द्वारा समर्थित केवीआइबी की इस पहल से निश्चित ही खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों के लिए एक गतिशील बाज़ार उपलब्ध होगा और अंततः बिहार के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
के के पाठक, आइएएस, प्रधान सचिव, उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि, “इस साझेदारी से खादी और इससे जुड़े कार्यकलाप का प्रचार-प्रसार होगा। इससे स्थानीय बाज़ार में खादी की प्रेरणा बढ़ेगी और लोगों को स्व-रोजगार के माध्यम से मर्यादित जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा। अपने प्रचुर अनुभव और उपभोक्ताओं की गहरी समझ की बदौलत अमेज़न इंडिया सचमुच इन प्रतिभाशाली कारीगरों और दस्तकारों को बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था का लाभ उठाने में सबसे अलग तरह की सुविधा मुहैया करेगा।” इस सहयोग के बारे में बी. एन. प्रसाद, सीईओ, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, बिहार सरकार ने कहा कि, “आधुनिक ग्राहकों के बीच खादी के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए उनकी लगातार बदलती पसंद और प्राथमिकता को समझना बेहद ज़रूरी हो गया है। हम इस साझेदारी के माध्यम से लोगों और संगठनों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक रूप से मदद करना चाहते हैं। हम ग्रामीण समुदाय को कुटीर उद्योगों और तकनीकी मार्गदर्शन के बारे में शिक्षित और जानकार भी बनाना चाहते हैं।”
गोपाल पिल्लै, निदेशक एवं महाप्रबंधक, विक्रेता सेवाएं, अमेज़न इंडिया ने कहा कि, “भारत में खरीद-बिक्री के तरीके में पूरी तरह से बदलाव लाने के अपने विजन के अनुरूप अमेज़न इंडिया अधिक से अधिक विक्रेताओं, बुनकरों और कारीगरों को ऑनलाइन बिक्री अपनाने और अपना कारोबार फैलाने के लिए सक्षम बनाना की दिशा में काम कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में खादी उत्पादों की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिहार खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के साथ साझेदारी कर हमें बेहद खुशी हो रही है। इस साझेदारी के माध्यम से, इन उत्पादों को अमेज़न के लाखों ग्राहकों तक पहुंचाने में आसानी होगी।खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पादों की मार्केटिंग, बिक्री और डिलीवरी के माध्यम से हम विस्फोटक बदलाव को तेज करना और पूरे राज्य में इन बुनकरों का जीवन बदलना चाहते हैं। हम उन्हें उनकी नई डिजिटल यात्रा में विक्रेता सेवाओं की सबसे व्यापक व्यवस्था और आवश्यक साधन मुहैया करना चाहते हैं।”