बिहार ब्रेकिंग-रविशंकर शर्मा
डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डे गोली की जबाब गोली से और युपी पुलिस की तर्ज पर काम करते नजर आने लगे हैं। बीती रात पटना में अपराधियों और पुलिस में जमकर मुठभेड़ हुआ है। घटना के संबंध में बताया गया है कि बीती देर रात जिले के पालीगंज पुलिस को गुप्त सूचना मिली की खिरीमोड थाना क्षेत्र स्थित जमहरु इमामगंज गांव के पास अपराधियों का जमावड़ा हुआ है। सूचना के बाद पुलिस ने उक्त गांव में छापेमारी की। बताया जा रहा है कि पुलिस को देखते ही अपराधियों की ओर से फायरिंग की जाने लगी, मिली सूचना के अनुसार अपराधियों ने ताबड़तोड़ 50 से 60 राउंड फायरिंग की जिसके बाद पुलिस की ओर से भी जबाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की गई। मिली जानकारी के अनुसार दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई। उसके बाद अपराधियों के हौसले पस्त हो गए और पुलिस ने 6 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं इस घटना में दो-तीन पुलिसकर्मयों को चोटें भी आई हैं।पालीगंज डीएसपी मनोज पांडेय ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ के बाद मौके से 6 अपराधियों को भारी मात्रा में हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया है। वहीं गिरफ्तार अपराधियों में नरसंहार का आरोपी कुख्यात जुम्मन मियां भी शामिल है, जिसकी तलाश पुलिस को लंबे समय से थी।
वहीं दूसरी ओर बीती रात डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक्शन में दिखे। उन्होंने पटना के दो थानों में पहुंचकर पुलिसिंग का जायजा लिया। गुप्तेश्वर पांडेय देर रात तकरीबन 1 बजे राजधानी के एसके पुरी थाना और उसके बाद गर्दनीबाग पहुंचे। डीजीपी के अचानक थाने में पहुंचने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पटना पुलिस के बड़े अधिकारी भी थाने पहुंचे। डीजीपी की तरफ से की गई अचानक छापेमारी में थाने के अंदर कई गड़बड़ियां मिलीं। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इन गड़बड़ियों को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई भी कर दी।
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने पहले ही दिन के एक्शन में एसके पुरी और गर्दनीबाग के थानेदारों को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया। लगभग एक घंटे तक डीजीपी दोनों थानों का निरीक्षण करते रहे और अपनी कार्रवाई से उन्होंने पुलिसकर्मियों को यह मैसेज भी दे दिया की वर्दी की ड्यूटी में लापरवाही उन्हें बर्दाश्त नहीं होगी। लॉ एंड ऑर्डर हर हाल में ठीक करना उनके लिए बड़ी चुनौती है और पुलिस के छोटे से लेकर बड़े अधिकारियों तक को यह बात समझ लेनी चाहिए।