
पटना : बिहार की राजनीति में शुक्रवार को एक नया बवंडर पैदा हो गया है. इसकी वजह यह रही कि अभी हाल ही में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल होने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने अपने ही दल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि को बाहर का रास्ता दिखाया है. ट्विटर पर पार्टी के अकाउंट से किये गये एक ट्विट में नागमणि को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद से मुक्त करने की बाबत एक पत्र ट्वीट किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से पद से मुक्त किया जाता है. इसके साथ ही, ट्विटर पर ट्वीट किये गये पत्र में नागमणि से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है, जिसमें यह कहा गया है कि क्यों नहीं पार्टी से उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी जाए?

उधर, मीडिया में इस बात की भी चर्चा है कि नागमणि के खिलाफ रालोसपा की ओर से की गयी इस कार्रवाई के पीछे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यक्रम में उनका शामिल होना है. दरअसल, शुक्रवार की सुबह नागमणि और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम में साथ देखे गये. इस कार्यक्रम के बाद पार्टी ने उन पर दल विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है. दूसरी ओर से मीडिया में रालोसपा कार्यकर्ताओं की ओर से लगाये जा रहे आरोपों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि एक ओर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नीतीश सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि उन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है. वहीं, पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार नागमणि उनके साथ पार्टी में शिरकत कर रहे हैं. इसके बाद ही पार्टी की ओर से नागमणि को पदमुक्त करने का फैसला किया गया.