सेंट्रल डेस्कः राज्यसभा उपसभापति चुनाव में हरिवंश की उम्मीदवारी पर एनडीए में घमासान मचा हुआ है। अकाली दल और शिवसेना जैसे बीजेपी के दो महत्वपूर्ण सहयोगी नाराज बताये जा रहे हैं।एनडीए ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद हरिवंश को राज्यसभा के उपसभापति के लिए उम्मीदवार बनाया है। लेकिन इस उम्मीदवारी पर घटक दलों में फूट पड़ गया है। अकाली दल इसके विरोध में आ गया है।जबकि शिवसेना सलाह नहीं लिए जाने से नाराज है। अकाली दल खुद अपना उम्मीदवार चाहती थी। इस पद के लिए 9 अगस्त को मतदान होंगे। वहीं विपक्ष में एनडीए के उम्मीदवार को शिकस्त देने के लिए संयुक्त प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चा चल रही है।सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हरिवंश के नाम पर सहमति बनाने के लिए शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल से खुद बात की है। सूत्रों की मानें तो अगर मामला नहीं सुलझा तो वोटिंग की स्थिति में अकाली दल और शिवसेना एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के पक्ष में वोट नहीं करेगी। बहरहाल बीजेपी के लिए एक और बड़ी मुश्किल है। 2019 से पहले उसके सहयोगी छिटकते नजर आ रहे हैं। दोस्ती दरकती नजर आ रही है। चाहे वो सीटों के बंटवारे को लेकर हो या फिर अब राज्यसभा उपसभापति पद के लिए हरिवंश की उम्मीदवारी को लेकर हो। बीजेपी की बड़ी चुनौती यही है कि सहयोगियों को साथ रखा जाय।