बिहार डेस्कः बिहार के तकरीबन 3 लाख 70 हजार नियोजित शिक्षकों के वेतनमान पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। उम्मीद जतायी जा रही है कि यह मामला अब निर्णायक मोड़ पर है और फैसला आ सकता है। ‘समान काम समान वेतन’ की मांग लंबे समय से बिहार के नियोजित शिक्षक करते रहे हैं। पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था बाद में बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी थी। इस बात की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगर इन्हें समान काम, समान वेतन का लाभ नहीं भी मिलता है, तो भी इनके वेतन में 30 से 40 फीसदी तक की बढ़ोतरी होनी तय है. परंतु पूरा मामला इन्हें वेतनमान देने के मसले पर आकर फंसता है, जिसके लिए न तो केंद्र सरकार तैयार है और न ही राज्य सरकार. मामला आर्थिक पहलू पर आकर ठहर जाता है. राज्य में अभी नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब पौने चार लाख है. अगर इन्हें वेतनमान देना पड़ा, तो विभाग के बजट का तकरीबन पूरा हिस्सा ही खर्च हो जायेगा.सुनवाई की शुरुआत में करीब आधा घंटा तक सरकार के वकील अब तक की पूरी स्थिति का सारांश पेश करते हुए समापन करेंगे. इसके तुरंत बाद शिक्षकों के वकील की तरफ से बहस का सिलसिला शुरू होगा. यह भी संभावना है कि कोर्ट शाम तक पूरे मामले में बहस सुनने के बाद अंतिम फैसला भी सुना सकता है