बिहार डेस्कः शिक्षा से राष्ट्र सशक्त बनता है। बड़ी-बड़ी इमारतें, सड़के, अन्य आधारभूत संरचनाएँ आदि देश के विकास को गति प्रदान करती हैं, परन्तु उसे वास्तविक शक्ति तो शिक्षा के विकास से ही मिलती है।’’ उक्त उद्गार, महामहिम राज्यपाल श्री सत्य पाल मलिक ने स्थानीय मगध महिला महाविद्यालय के सभागार में काॅलेज के ‘इंडक्शन मीट’ (अधिष्ठापन समारोह) एवं छः सर्टिफिकेट कोर्सेज के उद््घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद देश में काफी दिनों तक सरकारों द्वारा शिक्षा में काफी कम बजटीय प्रावधान किए जाते रहे; परन्तु हाल के वर्षों में केन्द्र सरकार एवं बिहार सरकार -दोनों द्वारा शिक्षा के विकास पर पूरा ध्यान दिया गया है और इसके सार्थक नतीजे भी सामने आ रहे हैं।राज्यपाल ने कहा कि मगध महिला महाविद्यालय का नामकरण जिस ‘मगध साम्राज्य’ के नाम पर हुआ है, उसी का गौरवमय इतिहास वस्तुतः ‘भारतीय इतिहास का स्वर्णयुग’ माना गया है।राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी कहा करते थे कि नारी शिक्षा का विकास भारत के लिए बेहद जरूरी है। उनकी मान्यता थी कि एक नारी अगर शिक्षित हो जाती है तो वह पूरे परिवार को शिक्षित कर देती है। श्री मलिक ने कहा कि आज भारत की बेटियाँ समाज के सभी प्रक्षेत्रों मंे अग्रणी भूमिकाएँ निभा रही हैं। ज्ञान-विज्ञान, खेलकूद, साहित्य, संगीत, कला, तीरंदाजी, बाॅक्सिंग, वायुयान-परिचालन, पर्वतारोहण आदि हर क्षेत्रों में नारियाँ बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने अमेरिका की पूर्व विदेश सचिव काॅन्डोलिजा राईस का उदाहरण देते हुए कहा कि उनसे लीबिया का तानाशाह कर्नल गद्दाफी भी बेहद प्रभावित था और अरब के लोग उस ताकतवर महिला से बहुत डरते थे। राज्यपाल ने कहा कि अमेरिकी महिला विदेश सचिव की ताकत के पीछे दरअसल अमेरिका की ताकत थी और अमेरिका की ताकत का आधार उसका शैक्षिक सशक्तीकरण था।
राज्यपाल ने कहा कि सभी विकसित देश शिक्षा की प्रगति के प्रति सचेत रहते हैं। ‘द्वितीय विश्वयुद्ध’ के समय ब्रिटेन द्वारा अपने शिक्षा के बजट में कोई कटौती नहीं किए जाने का उदाहरण देते हुए श्री मलिक ने कहा कि शिक्षा पर ध्यान नहीं देने से नयी पीढ़ी के भविष्य चैपट हो जाने का खतरा बना रहता है।राज्यपाल ने राज्य सरकार की ‘वाइ-फाई योजना’, ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ आदि की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार भी कन्या-शिक्षा को खूब बढ़ावा दे रही है। पुलिस-बहाली और पंचायतों में महिलाओं को प्राप्त आरक्षण का हवाला देते हुए राज्यपाल ने माननीय मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। ‘मुजफ्फरपुर बालिका गृृह यौन शोषण मामले’ में मुख्यमंत्री द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए मामले की सी॰बी॰आई॰ जाँच की अनुशंसा किये जाने की
राज्यपाल ने सराहना की। राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय विधि एवं न्यायमंत्री तथा पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को बालक-बालिका और महिला-उत्पीड़न के मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ के गठन में सहयोग पर विचार करने का सुझाव दिया है। राज्यपाल ने कहा कि मुजफ्फरपुर की उक्त घटना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और मानवता को कलंकित करनेवाली है। श्री मलिक ने कहा कि महिला महाविद्यालयों के समीप सादे लिबास में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों की तैनाती किया जाना अत्यन्त प्रशंसनीय है। राज्यपाल ने कहा कि छात्राओं के विरूद्ध किसी भी अभद्र कृत्य को कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में छात्राओं की प्रतिभा को देखते हुए लगता है कि इन्हीं में से किसी को एक-न-एक दिन ‘नोबेल पुरस्कार’ भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों की तुलना में काफी कम संख्या में ‘नोबेल पुरस्कार’ भारतीयों को मिले हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कौशल-विकास के जरिये स्वरोजगारी होने का आह््वान करते हुए कहा कि आज उद््घाटित छः नये सर्टिफिकेट पाठ््यक्रमों, यथा-आॅफिस मैनेजमेंट, जूट हैंडीक्राॅफ्ट, छपाई कला, मधुबनी पेन्टिंग, आई॰टी॰ स्कील एवं वेब-डिजाइन आदि से छात्राओं की हूनरमंदी बढ़ेगी और उनके रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।राज्यपाल ने महाविद्यालय में नामांकित नई छात्राओं एवं अन्य विभिन्न पाठ््यक्रमों में अध्ययनरत छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी। उन्होंने महाविद्यालय के नये प्रोस्पेक्टस एवं हैण्डबुक को भी विमोचित किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय से काफी संख्या में प्रतिभाशालिनी छात्राएँ शिक्षा ग्रहण कर निकली हैं। उन्होंने नये पाठ््यक्रमों के कार्यान्वयन में महाविद्यालय की भूमिका की प्रशंसा की। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति प्रो॰ डाॅली सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ॰ शशि शर्मा ने काॅलेज की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया एवं तात्कालिक आवश्यकताओं से भी राज्यपाल-सह-कुलाधिपति को अवगत कराया। कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री विवेक कुमार सिंह सहित पटना विश्वविद्यालय के वरीय अधिकारीगण, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिका एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण, छात्र-नेता एवं काॅलेज की छात्राएँ आदि उपस्थित थे।