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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज होटल मौर्या में आयोजित शिखर सम्मेलन 219 : बिहार के समापन समारोह में भाग लिया। शिखर सम्मेलन में बिहार के विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़े हर एक सवालों का मुख्यमंत्री ने जवाब दिया। सवाल-जबाब के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने बिहार के हित में एनडीए के साथ गठबंधन किया। उन्होंने कहा कि एनडीए से असंतोष का कोई सवाल ही नहीं उठता। 214 में जब एनडीए से अलग होकर हमलोगों ने चुनाव लड़ा था, तब स्थिति दूसरी थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 215 में महागठबंधन का नाम मैंने ही दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राम मंदिर एवं समान नागरिक संहिता पर हमारी पार्टी का स्टैंड पहले जैसा ही है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निमा र्ण आपसी सहमति से हो या कोर्ट के फैसले से हो। उन्होंने कहा कि बिहार को केन्द्र का भरपूर सहयोग मिला और पहले की तुलना में बिहार में एनडीए भी मजबूत हुयी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब-जब आलोचना हुयी है, तब-तब गठबंधन मजबूत होकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि बिहार के विकास के लिये गठबंधन हुआ और आज भी हम किसी भी सूरत में तीन चीजों- क्राइम, करप्षन और कम्यूनिलिज्म से समझौता नहीं करते। उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल होने से क्राइम बढ़ गया, ऐसा कहना गलत है। बिहार की कानून व्यवस्था में लगातार सुधार आया है एवं बिहार में अपराध के आंकड़ों में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक तौर पर लालू प्रसाद यादव से मतभेद हो सकते हैं लेकिन तेजस्वी यादव के प्रति हमेशा हमारे मन में स्नेह का भाव रहा है और वह आज भी है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास का भी काम हो रहा है। 21 जनवरी 2017 को नशामुक्ति के समर्थन में मानव श्रृंखला बनी थी, जिसमें चार करोड़ लोगों ने भाग लिया था। उस समय जो लोग हाथ में हाथ डालकर खड़े थे, आज वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी 218 को बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा के खिलाफ लगभग 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से बिहार को फायदा हुआ है और हम चाहते हैं कि देश में भी शराबबंदी लागू हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ही 219 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की सेवा करना ही एकमात्र हमारा मकसद है और मैं बिहार की ही सेवा करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे रेल मंत्री रहते स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने रेलवे के एक भी प्रस्ताव को अमान्य नहीं किया। वे हमेशा लोगों को काम करने के लिये प्रेरित करते थे। मुख्यमंत्री ने आरएसएस की भी तारीफ करते हुए कहा कि 1925 में आरएसएस का गठन हुआ और उसके बाद से जनसंघ और अब भाजपा का व्यापक रूप देखने को मिला है लेकिन आरएसएस और मेरे विचार बिल्कुल अलग हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं गॉधी जी, लोहिया जी और जयप्रकाश के विचारों से प्रभावित हूं। उन्होंने कहा कि बिहार लगातार तरक्की कर रहा है और 29 से हमारा ग्रोथ रेट डबल डिजिट में रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में व्यापार बढ़ रहा है। लैंड लॉक्ड स्टेट होने के कारण बिहार में बड़े उद्योग नहीं हैं लेकिन लोगों की कमाइ बढ़ी है। बिहार में न्याय के साथ विकास हो रहा है। हमने हर गॉव तक बिजली पहुंचाई है। अब इस साल के अंत तक कृषि के लिये अलग फीडर पर काम पूरा कर लिया जायेगा। साथ ही जर्जर बिजली के तारों को भी बदलने का लक्ष्य भी पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में अब लोगों को काम मिल रहा है और अब वे रोजगार के लिये बाहर जाने को मजबूर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों के दौरान बिहार में सड़कें नहीं बनी। हमलोगों ने सड़क बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग भीख नहीं मॉगते हैं, काम करके आगे बढ़ते हैं। मुख्यमंत्री ने आर्थिक आधार पर गरीबों को आरक्षण देने का समर्थन करते हुये कहा कि 7 सालों में परिस्थितियॉ बदली हैं और आर्थिक आधार पर शैक्षणिक या सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत का आरक्षण का फैसला कहीं से भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन कर आर्थिक आधार पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था की गयी है इस नइ आरक्षण व्यवस्था से किसी को नुकसान नहीं है।