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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 352वें प्रकाश पर्व के अवसर पर तख्त श्रीहरिमंदिर पटना साहिब जाकर मत्था टेका। तख्त श्रीहरिमंदिर कमिटी द्वारा मुख्यमंत्री को सरोपा भेंटकर सम्मानित किया गया। तख्त श्रीहरिमंदिर परिसर में बनाये गये विशेष दीवान हाॅल में देश विदेश से आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों के लिए गौरव की बात है कि सर्वांशदनी दश्मेश गुरु गुरु गोविन्द सिंह जी का 352वां प्रकाश पर्व में शामिल होने का मौका मिला। दो वर्ष पहले 350वां प्रकाश पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया था। बिहार के हर सम्प्रदाय के लोगों ने देश विदेश के श्रद्धालुओं का तहेदिल से स्वागत किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्म स्थली है, यह हम सबों के लिए गौरव की बात है। यह वही पाटलिपुत्र है, जहां से देश के शासन का संचालन हुआ करता था, जो आज के इस भू-भाग से भी बड़ा था। यही पटना साहिब वास्तविक पाटलिपुत्र था। यह ऐतिहासिक जगह है, बिहार ज्ञान, मोक्ष और निर्वाण की भूमि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी भी यहां पधारे थे। लोगों की इच्छा के अनुरुप गुरु नानक देव जी महाराज ने अपनी क्षमता से राजगीर के एक कुंड के जल को शीतल कर दिया था, यह शीतल कुंड के नाम से प्रसिद्ध है। वहां पर गुरुद्वारे का निर्माण कराया जा रहा है। यह गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश उत्सव से पहले बनकर तैयार हो जाएगा जैसा कि बाबा मोहिंदर सिंह जी ने कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और देश के बाहर रहने वाले सिख श्रद्धालु भी यहां मत्था टेकने आ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना स्थित गायघाट की काफी महत्ता है। गुरु नानक देव जी यहां आए और जैतामल जी उनके शिष्य बने। जैतामल जी प्रतिदिन गंगा में स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना किया करते थे। अधिक आयु हो जाने के कारण जब वे गंगा में स्नान करने जाने में अक्षम हो गए, तब गंगा मां स्वयं गाय के रुप में प्रतिदिन स्नान कराने लगी, जिस कारण इस जगह का नाम गायघाट पड़ा। इसी क्रम में बाद में नौवें गुरु तेग बहादुर जी घोड़े पर सवार होकर आए और वे उसी स्थान पर बैठे जिस स्थान पर गुरु नानक देव जी बैठते थे। गुरु तेग बहादुर का दर्शन पाने के बाद जैतामल जी को मुक्ति मिल गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 352वें प्रकाश पर्व पर पटना साहिब के बाल लीला और कंगनघाट पर तैयारी की गई है। वहां पर टेंट सिटी का निर्माण कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष हो रहे आयोजन को देखते हुए सिख श्रद्धालुओं का बिहार आगमन निरंतर बड़ी संख्या में होने लगा है, जिसके लिए बार-बार टेंट सिटी बनाना पड़ता है इसलिए स्थायी रूप से अब कम्युनिटी सेंटर का निर्माण कराया जाएगा। कम्युनिटी सेंटर का निर्माण हो जाएगा तो लोग विशेष आयोजन के मौके पर उसका उपयोग कर सकेंगे और जब प्रकाश पर्व का समय आएगा तो उसे 25 से 30 दिनो के लिए गुरुद्वारा के हवाले कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 350वें प्रकाश पर्व की स्मृति में गुरु के बाग में सरकार की तरफ से प्रकाश पुंज की स्थापना की जा रही है, जहां सिख समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोग भी गुरु गोविंद सिंह जी महाराज से जुड़ी बातों को जान सकेंगे। 350वें प्रकाश पर्व में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए थे। पटना साहिब गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। सिख धर्म में त्याग का विशेष महत्व है। सिख धर्म के गुरु तेग बहादुर ने अपने परिवार तक की बलि दे दी थी। गुरु गोविंद सिंह जी महाराज को सर्वंशदानी कहा जाता है। आज दुनिया में टकराव से मुक्ति के लिए, मानवता को सुदृढ़ करने के लिए गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के विचारों से अवगत होना होगा। नई पीढ़ी को त्याग के संदेश को ठीक ढंग से जानना होगा। शांति का संदेश नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग मेंरी प्रशंसा करते हैं इसकी कोई जरुरत नहीं है। यह तो गुरु की कृपा है कि जो हमलोगों को सेवा का मौका मिला। गुरु ने हमें फर्ज का एहसास कराया, ऐसे में सेवा हमारा दायित्व है। बिहार गरीब प्रदेश है लेकिन हमलोग मन से और वैचारिक दृष्टि से गरीब नही हैं। हम चाहते हैं कि इसी तरह प्रेम-भाईचारा का वातावरण बना रहे। बिहार सरकार और बिहार की जनता की तरफ से यहां आए हुए श्रद्धालुओं का मुख्यमंत्री ने अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री ने गोविंद प्रकाश पुस्तिका एवं कैलेंडर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, बाबा महेंद्र सिंह, सरदार अवतार सिंह, सरदार गुरमित सिंह, सरदार इंद्रजीत सिंह, सरदार महेंद्र सिंह ढिल्लन, सरदार महेंद्र सिंह छाबड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, पटना के आयुक्त आर0एन0 चोंगथू, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मल्लिक सहित देश-विदेश से आये सिख श्रद्धालु एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। तख्त श्री हरमंदिर साहिब में दर्शन एवं मत्था टेकने के उपरात मुख्यमंत्री ने बाल लीला गुरुद्वारा जाकर भी मत्था टेका, जहा बाबा कश्मीर सिंह पुरीवाला ने मुख्यमंत्री को सरोपा एवं तलवार भेंटकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने यहाॅ लंगर भी छका।