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पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां एक ही राग अलाप रही हैं कि राफेल मामले में पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को जरूर कुछ न कुछ हाथ लगा और वे प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ़ मामला दर्ज करने वाले थे। इस बात का पता चलते ही पहले तो वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया। छुट्टी पर भेजे जाने से खफा वर्मा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और जब करीब ढाई महीने बाद दुबारा से उन्होंने अपना पद संभाला तो सेलेक्शन कमिटी ने उन्हें सीबीआई निदेशक पद से हटा दिया। आलोक वर्मा के इस तरह से पड़ विमुक्त करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि ‘नरेंद्र मोदी ने 30000 करोड़ रुपये इंडियन एयरफोर्स से चोरी कर अनिल अंबानी को दे दिया। और अब लगातार दूसरी बार आलोक वर्मा को पद विमुक्त करना साफ बता रहा है कि वे अपने झूठ में फंस चुके हैं।’ वहीं दूसरी तरफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा कि ‘ब्रेकिंग, आलोक वर्मा के सीबीआई निदेशक का पद संभालने के अगले दिन ही मोदी की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमीशन ने उसकी सुने बिना ही पद से हटा दिया, क्योंकि उन्हें राफेल घोटाले में एफआईआर होने का डर लग गया था।’ उधर मोदी के बचाव में उतरे रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि ‘गजब के इंसान हैं मल्लिकार्जुन खड़गे। जब आलोक वर्मा सीबीआई निदेशक बनाये गए थे तब भी आप दुखी थे और अब जब हटाये गये तब भी दुखी हैं। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘आलोक वर्मा को हटाने का फैसला अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नहीं था, कमिटी के एक और सदस्य जस्टिस सीकरी ने भी अपनी सहमति दी है। कांग्रेस बेकार में कुछ और शक कर रही’