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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मधुबनी जिला के रहिका प्रखंड स्थित सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान एवं मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का रिमोट बटन दबाकर शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाट्न भी किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं कला संस्कृति एवं युवा विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूॅ कि मिथिला चित्रकला संस्थान एवं मिथिला ललित संग्रहालय के भवन का आज कार्यारंभ कराया गया। भवन निर्माण विभाग ने अगस्त 2020 तक इसे बनाने के लिए आश्वस्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में मधुबनी पेंटिंग की मूल चीजों को समझने के लिए हमने रांटी, जितवारपुर आदि गांवों का दौरा किया था। पद्मश्री सुंदरी देवी के आवास पर भी जाने का मौका मिला। मिथिला पेंटिंग के कलाकारों से भी मुलाकात की थी। स्व0 ताराकांत झा जी के साथ-साथ लोगों ने भी इच्छा जतायी थी कि मिथिला पेंटिंग संस्थान की यहां स्थापना हो। उन्होंने कहा कि 19 जून 2012 में मिथिला चित्रकला संस्थान की स्थापना का ऐलान किया गया था। सितंबर 2013 में मंत्रिमंडल से भी इसकी स्वीकृति मिल गई। इसके साथ-साथ मिथिला ललित संग्रहालय के बारे में भी सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका निर्माण कहां हो और कैसे हो, इसके लिए लोगों से परामर्श किया गया। डी0पी0आर0 तैयार किया गया, सभी चीजों के आकलन के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि सौराठ के संस्कृत विद्यालय के एक हिस्से के साढे सात एकड़ में इस संस्थान का निर्माण कराया जाएगा। सारी तैयारियों के बाद आज इसका शुभारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिला चित्रकला के लिए 13 छात्र-छात्राओं का चयन किया गया, जिसमें 11 लड़कियां शामिल हैं। आज इसकी औपचारिक शुरुआत कर दी गई है। मिथिला चित्रकला संस्थान के लिए किराए पर एक भवन लेकर इन छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। इस संस्थान में पढ़ाने वाले आचार्य का चयन मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में सम्मानित लोगों के बीच से किया जायेगा, जिनको मिथिला पेंटिंग की बेहतर जानकारी होगी उन्हें रखा जाएगा, इसके लिए विशेष डिग्री की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि मिथिला चित्रकला संस्थान एवं मिथिला ललित संग्रहालय को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिला चित्रकला के लिए दो तरह के कोर्स चलाये जायेंगे। एक सर्टिफिकेट कोर्स (छह माह) होगा और एक डिग्री कोर्स होगा। सर्टिफिकेट कोर्स एवं डिग्री कोर्स करने वालों को आर्थिक सहायता भी दी जायेगी। साथ ही निःशुल्क हॉस्टल एवं मेस का प्रबंध किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस भवन के डिजाइन की भी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिला पेंटिंग के प्रति पूरे देश में ही नहीं, देश के बाहर भी लोगों का लगाव है। उन्होंने कहा कि हम फरवरी 2018 में जापान की यात्रा पर गए थे, उस समय जापान में भारत के राजदूत श्री सुजान आर0 चिनॉय थे, जिनकी भी रुचि मिथिला पेंटिंग में रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जापान के टोकामाची सिटी में मिथिला म्यूजियम है, जिसके निदेशक टोक्यो हासेगावा हैं, वहां मिथिला पेंटिंग का अद्भुत कलेक्शन है। वहां जाने की मेरी इच्छा थी लेकिन अधिक दूरी और अधिक ऊंचाई पर अवस्थित होने के कारण मैं नहीं जा सका। टोक्यो के विवेकानंद कल्चर सेंटर में राजदूत श्री सुजान आर0 चिनॉय ने मिथिला म्यूजियम की पेंटिंग की यहां प्रदर्शनी दिखाई थी, वह अद्भुत था। जापान से लौटने के बाद मिथिला चित्रकला संस्थान एवं मिथिला ललित संग्रहालय को जल्द शुरु करने का निर्णय लिया गया। आज छात्र-छात्राओं का चयन कर सांकेतिक रुप से शुरुआत कर दी गई है। मिथिला पेंटिंग के जो तीनों प्रारुप हैं, उसमें सभी समाज के लोग हैं। मधुबनी पेंटिंग का जो ओरिजिनल नेचर है, उसको रखा जाएगा और मिथिला कला को और विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया जा रहा है, उसकी टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर और बाहर मिथिला पेंटिंग की झलक देखने को मिलेगी। दरभंगा में एयरपोर्ट का भी निर्माण एयरफोर्स बेस में हो रहा है। बाहर के जिन लोगों की रुचि मधुबनी पेंटिंग में होगी, दरभंगा से सिविल विमानन सर्विस शुरु होने से आसानी से यहां आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर भी मधुबनी पेंटिंग की झलक देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में संकल्प भवन की दीवारों पर भी मिथिला पेंटिंग करायी गई है। पटना शहर में सभी सरकारी दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग करायी जा रही है। हमलोगों की मधुबनी पेंटिंग के प्रति बहुत श्रद्धा है, आप सबलोगों के सहयोग से इसे और आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि देश का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक की बिहार का विकास नहीं होगा और बिहार का विकास तब तक नहीं होगा, जब तक कि मिथिला का विकास नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के अन्य हिस्सों के साथ-साथ मिथिला में भी पुल-पुलियों सहित निर्माण के कई कार्य किये जा रहे हैं। हम एरियल सर्वे के द्वारा इन सब चीजों की समीक्षा कर रहे हैं। अभी मानसी-सहरसा-सुपौल में आपसी कनेक्टिविटी के एलाइनमेंट का एरियल सर्वे करके आ रहे हैं। इंडो-नेपाल एरिया का भी अभी एरियल सर्वे करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में हर घर तक बिजली पहुंच गई है और बिजली की आपूर्ति भी ठीक ढंग से हो रही है। पहले बिजली की जगह लोग ढिबरी और लालटेन से काम चलाया करते थे। लोगों में अंधेरे और भूत का डर बना रहता था। रौशनी नहीं होने के कारण घर के बच्चे संकट में रहते थे, अब अंधेरा भी खत्म हुआ और लालटेन की जरुरत भी नहीं रही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं, उनसे सचेत रहें और समाज में सद्भाव एवं प्रेम का माहौल बनाए रखें। समाज में जब शांति का वातावरण रहेगा तो विकास का लाभ लोगों तक और तेजी से पहुंचेगा। लोग किसी भी धर्म या संप्रदाय के हों, सबको अपनी आस्था का अधिकार है लेकिन एक दूसरे का सम्मान भी जरुरी है। हम सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। हम न्याय के साथ आगे बढ़ रहे हैं। समाज के हर तबके और राज्य के हर इलाके के विकास में हम लगे हुए हैं। सात निश्चय के अंतर्गत गांवों का विकास किया जा रहा है और वहां के लोगों को हर सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12वीं के बाद यहां के छात्र-छात्राएं आगे पढ़ सकें, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत छात्रों को चार प्रतिशत और छात्राओं, ट्रांसजेडरों और दिव्यांगों को एक प्रतिशत के ब्याज पर 4 लाख रूपये तक शिक्षा ऋण मुहैया करा रही है। शिक्षा ग्रहण के बाद जब ये काम करने लगेंगे तो उन्हें 82 किस्तों में पैसे लौटाने होंगे और अगर पैसे लौटाने में अक्षम होंगे तो इस ऋण को माफ भी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित लोगों से हाथ उठाकर संकल्प दिलाया कि वे अपने बच्चों को आगे जरुर पढ़ायंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, यहां के लोग खूब पढं़े, इसमें मेरी रुचि है। हम फिर से बिहार के गौरव को प्राप्त करने में कामयाब होंगे। हमारी प्राथमिकता की सूची में मिथिला को आगे बढ़ाना भी शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत पाग, अंगवस्त्र, पुष्प-गुच्छ, मखाने की बड़ी माला एवं मिथिला पेंटिंग भेंटकर किया गया। मुख्यमंत्री ने क्रॉफ्ट डिमोंस्ट्रेशन के तहत लगाए गए स्टॉलों का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मिथिला चित्रकला संस्थान मधुबनी के सर्टिफिकेट कोर्स का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने भूमिहीनों के बीच वासगीत पर्चा का भी वितरण किया। कार्यक्रम को पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, बिहार राज्य योजना परिषद के सदस्य संजय झा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक लक्ष्मेश्वर राय, विधान पार्षद राम लषण राम, विधान पार्षद दिलीप कुमार चौधरी, संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष भारती मेहता, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव पथ निर्माण अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव कला एवं संस्कृति रवि मनुभाई परमार, भवन निर्माण विभाग के एम0डी0 अमित कुमार, दरभंगा के आयुक्त मयंक बरबरे, दरभंगा के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराद, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मधुबनी के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक, मधुबनी के पुलिस अधिक्षक दीपक बर्णवाल सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।