रांची: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा. हाईकोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े मामले में लालू यादव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू के समर्थकों में निराशा फैल गई. राजद से जुड़े लोगों को यह उम्मीद थी कि लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू के साथ-साथ राजद की भी मुश्किलें बढ़ गईं हैं. दरअसल लालू की गैरमौजूदगी में बिहार में महागठबंधन ने शक्ल तो अख्तियार कर लिय़ा है लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर अभी भी बात नहीं बन सकी है. यही कारण है कि रिम्स में इलाजरत लालू से मिलने हर शनिवार को महागठबंधन का कोई न कोई नेता जरूर पहुंचता रहा है. ऐसी उम्मीद थी कि लालू को जमानत मिलेगी लेकिन जमानत न मिलने की स्थिति में इसका सीधा असर पार्टी समेत महागठबंधन की सेहत पर पड़ना तय है. 4 जनवरी को हाईकोर्ट ने सीबीआई और लालू के वकील कपिल सिब्बल की बहस सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित कर लिया था. यही कारण था कि लालू समेत महागठबंधन के नेता लगातार 14 जनवरी के बाद ही सीट शेयरिंग को लेकर फैसला आने की बात कह रहे थे. कोर्ट के फैसले के बाद यह तय हो गया है कि अब लालू के जेल में रहते ही महागठबंधन में सीटों का बंटवारा होगा. लालू के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में लालू का पक्ष रखा था और लालू की जमानत की अवधि और उम्र का हवाला दिया था. लालू यादव की जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरजेडी के विधायक भाई वीरेन्द्र और शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि पार्टी कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करती है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरी पार्टी इस समय मर्माहत है.